वित्तीय संकट ने दो दशकों से अधिक समय तक उड़ानें संचालित करने वाली जेट एयरवेज को 17 अप्रैल, 2019 को परिचालन निलंबित करने के लिए मजबूर किया था.
नई दिल्ली : विमानन नियामक डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने जेट एयरवेज को कमर्शियल उड़ानें फिर से शुरू करने का लाइसेंस दे दिया है. दो Proving flights पूरी करने के बाद एयरलाइन को एयर ऑपरेटर सर्टिफिकेट (AOC) दिया गया है. अपनी Proving flights को पूरा करने के लिए विमान को पांच लैंडिंग (five flights) करनी पड़ती हैं. एयरलाइन ने 15 और 17 मई को यह पांच Proving flight पूरी कीं.
गौरतलब है कि जेट एयरवेज ने इसके तत्कालीन प्रमोटर्स के तरलता (liquidity) प्रदान करने में विफलता के चलते वर्ष 2019 में उड़ानों का संचालन बंद कर दिया था. इस एयरलाइन को जालान कलरॉक गठजोड़ के स्वामित्व के तहत फिर खड़ा किया गया है. एयरलाइन पहले नरेश गोयल के स्वामित्व में थी, इस एयरलाइन ने अपनी अंतिम उड़ान 17 अप्रैल, 2019 को भरी थी. जालान-कलरॉक कंसोर्टियम वर्तमान में जेट एयरवेज का प्रमोटर है.
वित्तीय संकट ने दो दशकों से अधिक समय तक उड़ानें संचालित करने वाली जेट एयरवेज को 17 अप्रैल, 2019 को परिचालन निलंबित करने के लिए मजबूर किया था.इसके बाद भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के नेतृत्व में ऋणदाताओं के एक संघ ने 8,000 करोड़ रुपये से अधिक की बकाया वसूली के लिए जून 2019 में एक दिवाला याचिका दायर की थी. अक्टूबर 2020 में, एयरलाइन की लेनदारों की समिति (सीओसी) ने ब्रिटेन की कलरॉक कैपिटल और संयुक्त अरब अमीरात स्थित उद्यमी मुरारी लाल जालान के संघ (कंसोर्टियम) द्वारा प्रस्तुत समाधान योजना को मंजूरी दी थी. जून 2021 में इस समाधान योजना को राष्ट्रीय कंपनी कानून अधिकरण (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल) ने भी मंजूरी दे दी थी.