Bihar Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के दिन जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं। राजनीतिक दलों में हलचलें भी उसी तेजी से बढ़ती जा रही है। महागठबंधन जहां एनडीए की चाल को नाकाम करने की फिराक में है। वहीं एनडीए यह पूरी कोशिश में लगा है कि किसी भी हालात में बिहार उसके हाथ से न जाने पाए। (Bihar Chunav 2025) ऐसे में बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले सीटों के तालमेल को लेकर महागठबंधन और एनडीए दोनों में बैठकों का दौर चल रहा है। हालांकि एनडीए के नेताओं का यह मानना है कि सीटों के बंटवारे में कहीं भी कोई समस्या सामने नहीं आएगी।
लोकसभा की तरह ही विधानसभा चुनाव में भी एनडीए में शामिल दल मिलकर सीटों पर सहमति बना लेंगे। लेकिन यह कहना जितना आसान है? समझना उतना ज्यादा ही मुश्किल। गठबंधन के सभी दल चुनाव में अपने-अपने दल को मजबूत करने के लिए ज्यादा सीटों की तमन्ना रखते हैं। (Bihar Chunav 2025) लेकिन भाजपा और जेडीयू सीटों के बंटवारें को लेकर जो फॉर्मूला तैयार कर रहे हैं। क्या उस पर चिराग पासवान और मांझी तैयार हो जायेंगे। सबसे बड़ा सवाल यहीं है।
Bihar Chunav 2025: एनडीए का सीट शेयरिंग फॉर्मूला
बिहार विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारें को लेकर अभी तक एनडीए की कोई औपचारिक मीटिंग तो नहीं हुई है। लेकिन भाजपा के विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, जो फॉर्मूला बनाया गया है। उसके तहत बिहार की 243 विधानसभा सीटों में 102 सीट भाजपा, 102 सीट जेडीयू, 28 सीट लोक जन शक्ति पार्टी- रामविलास, जीतन राम मांझी की पार्टी को सात सीट और उपेंद्र कुशवाहा को चार सीट दी जा सकती है। (Bihar Chunav 2025) लेकिन यह भी कहा जा रहा है कि यदि चिराग पासवान अगर 28 सीटों पर सहमत नहीं होते हैं तो फिर भाजपा और जेडीयू की एक-एक सीट और उन्हें दे दी जाएगी। इस तरह बिहार की 30 सीटों पर चिराग पासवान ताल ठोंक सकते हैं।
क्या 30 सीटों पर मान जायेंगे चिराग?
बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए चिराग पासवान को 30 सीटें दे सकती है। लेकिन अगर वह सहमत नहीं हुए तो फिर एनडीए की समस्या बढ़ जाएगी। लोक जन शक्ति पार्टी- रामविलास के एक बड़े नेता के मुताबिक चिराग पासवान सीट शेयरिंग के लिए एनडीए की बैठक में 70 सीटों की डिमांड करेंगे। हर हाल में 40 सीटों के लिए दबाव तो बनाया ही जाएगा।
चिराग की डिमांड से बढ़ेगी खींचतान
शीट शेयरिंग की बैठक में अगर चिराग पासवान का दावा बरकरार रहा तो फिर दलों के बीच खींचतान बढ़ सकती है। भाजपा और जदयू को 100 सीट से नीचे आना पड़ सकता है। (Bihar Chunav 2025) ऐसा करना ही उनके हित में होगा। क्योंकि इससे एनडीए मजबूत रह सकती है। पिछले चुनाव में नजर डाले तो 2020 में जीतन राम मांझी को जेडीयू के खाते से सात सीटे मिली थी। जिसमें वह चार सीट निकाल सके थे। इस लिहाज से वर्तमान चुनाव में 35 सीट चिराग पासवान, जीतन राम मांझी की सात सीटें और उपेंद्र कुशवाहा को चार सीट दी जाएंगी। इस तरह कुल सीट की संख्या 46 हो जाती है। इसके बाद 197 सीटों पर भाजपा और जेडीयू के बीच बंटवारा होगा। इसमें दोनों दलों के बीच 98-99 का फार्मूला तय हो सकता है।