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BRICS: पाकिस्तान ने ब्रिक्स की सदस्यता के लिए किया आवेदन, शामिल होने की होगी उम्मीद

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BRICS: पाकिस्तान ने ब्रिक्स की सदस्यता के लिए आवेदन किया है। पाकिस्तान ने उम्मीद जताई है कि रूस की मदद से उसे संगठन में शामिल होने की अनुमति मिलेगी। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि उन्होंने रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से बात की है और उनसे ब्रिक्स की सदस्यता के लिए पाकिस्तान का समर्थन करने का अनुरोध किया है। कुरैशी ने कहा कि लावरोव ने पाकिस्तान के आवेदन का समर्थन करने का आश्वासन दिया है।

पाकिस्तान ब्रिक्स का सदस्य बनने के लिए कई वर्षों से प्रयास कर रहा है। BRICS: लेकिन भारत, रूस, चीन और ब्राजील ने पाकिस्तान के आवेदन का विरोध किया है। भारत का कहना है कि पाकिस्तान एक आतंकवादी देश है और उसे ब्रिक्स में शामिल नहीं किया जाना चाहिए। ब्रिक्स एक आर्थिक और राजनीतिक गठबंधन है, जिसमें दुनिया की पांच सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं। संगठन का गठन 2006 में किया गया था।

BRICS: शामिल होने के संभावित लाभ और जोखिम

पाकिस्तान के ब्रिक्स में शामिल होने के संभावित लाभों में शामिल हैं:

  • वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक मजबूत उपस्थिति हासिल करना
  • व्यापार और निवेश के अवसरों में वृद्धि करना
  • अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी स्थिति मजबूत करना

हालांकि, पाकिस्तान के ब्रिक्स में शामिल होने के संभावित जोखिमों में शामिल हैं:

  • भारत के साथ संबंधों में तनाव बढ़ना
  • आतंकवाद के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ना

ब्रिक्स में शामिल होने का निर्णय

पाकिस्तान के आवेदन के बाद, ब्रिक्स के सदस्य देशों के बीच चर्चा होने की उम्मीद है। यह देखना होगा कि क्या पाकिस्तान को संगठन में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी।

पाकिस्तान के ब्रिक्स में शामिल होने के निर्णय के भारत पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की संभावना है। भारत पाकिस्तान को ब्रिक्स में शामिल होने से रोकने के लिए अपनी पूरी कोशिश करेगा।

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