CAA-NRC violence: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के विरोध में साल 2019 दिसंबर महीने में हुए हिंसक प्रदर्शनों के आरोपितों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। उच्चतम न्यायालय ने संपत्ति के नुकसान की भरपाई के लिए आरोपितों से की जा रही वसूली की प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगा दी है। साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार को इस मामले पर 4 हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है।
CAA-NRC violence: मेरठ न्यायाधिकरण ने जारी किया था वसूली आदेश
दरअसल, रामपुर में 21 दिसंबर 2019 को CAA-NRC के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसक रूप से झड़पें हुई थीं। (CAA-NRC violence) शाहबाद गेट और हाथीखाना चौराहे पर हुई इस झड़प में पुलिस पर भारी पत्थरबाजी, मारपीट और पेट्रोल बम फेंके गए थे। भीड़ ने पुलिस की जीप और 6 बाइक को भी आग लगा दी थी। इस घटना में गोली लगने से एक युवक की जान भी चली गई थी।
घटना के बाद पुलिस ने हजारों लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए थे। बलवा, हत्या, जानलेवा हमला, लूट, मारपीट, लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम और क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज हुआ। बाद में फोटो और वीडियो फुटेज के आधार पर आरोपितों की पहचान कर गिरफ्तारियां भी की गईं।
इस घटना के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई के लिए उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली दावा अधिकरण का गठन किया। (CAA-NRC violence) मेरठ स्थित इस अधिकरण ने रामपुर के लगभग 195 आरोपितों को दोषी करार देते हुए उनसे कुल 11.08 लाख रुपये की वसूली का आदेश दिया था।
हाई कोर्ट ने दी थी आंशिक राहत
इन वसूली आदेशों को आरोपितों ने पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। (CAA-NRC violence) हाई कोर्ट ने सुनवाई में कहा कि आरोपितों को 50% रकम 30 दिनों के अंदर जमा करनी होगी, जबकि शेष रकम मुकदमे के होने वाले फैसले पर निर्भर करेगी। इस आदेश को चुनौती देते हुए आरोपितों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
अब बीते सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए 26 आरोपितों को बड़ी राहत दी। (CAA-NRC violence) अदालत ने वसूली प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगाते हुए यूपी सरकार को चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया। अदालत का कहना है कि इस मामले में सरकार का पक्ष भी विस्तृत रूप से सुना जाएगा, तभी अंतिम फैसला होगा।
कानूनी और राजनीतिक महत्वता
CAA-NRC विरोधी प्रदर्शनों के दौरान उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में हिंसक घटनाएं हुई थी। राज्य सरकार ने नुकसान की भरपाई सीधे आरोपितों से कराने का फैसला किया था। हालांकि, इसे लेकर शुरुआत से ही कानूनी और राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया था। अब सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से आरोपितों को अस्थायी रूप से राहत तो मिली है, लेकिन आने वाले वक़्त में यह मामला राज्य सरकार की नीति और अदालत के रुख पर भी निर्भर करेगा।