Uttarakhand: उत्तराखंड में इस मानसून के दौरान हुई भारी तबाही और नुकसानों का सही आकलन करने के लिए आज यानी 8 सितंबर को एक केंद्रीय दल राज्य का दौरा करेगा। इस दल में सात सदस्य होंगे, जो राज्य के सबसे प्रभावित जिलों का निरीक्षण करेंगे। (Uttarakhand) इस दौरे का मुख्य उद्देश्य यह है कि आपदा से हुए वास्तविक नुकसान का सही-सही आकलन किया जा सके, ताकि राज्य सरकार द्वारा मांगी गई 5,702.15 करोड़ रुपये की विशेष सहायता पर सही निर्णय लिया जा सके।
Uttarakhand: आपदा की गंभीरता पर चर्चा
केंद्रीय गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव आर प्रसन्ना की अगुवाई में यह दल राज्य के अधिकारियों से एक उच्च-स्तरीय बैठक में चर्चा करेगा। (Uttarakhand) राज्य के आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन के अनुसार, इस बैठक में केंद्रीय टीम को आपदा की गंभीरता और इससे हुए नुकसान की पूरी जानकारी दी जाएगी। इसके बाद टीम प्रभावित इलाकों का दौरा करेगी और स्थानीय लोगों से बातचीत करके नुकसान का जायजा लेगी।
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छह प्रभावित जिलों का निरीक्षण
केंद्रीय दल अब राज्य के छह सबसे प्रभावित जिलों का हवाई और ज़मीनी सर्वेक्षण करेगा। इस दल को दो हिस्सों में बांटा गया है। पहला दल उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और पौड़ी जिलों का दौरा करेगा, जबकि दूसरा दल चमोली, बागेश्वर और नैनीताल जिलों का निरीक्षण करेगा। (Uttarakhand) ये टीमें आपदाग्रस्त शहरों और गांवों में जाकर न सिर्फ नुकसान का आकलन करेंगी, बल्कि सामाजिक, आर्थिक प्रभावों और सरकारी ढांचे को हुए नुकसान के दस्तावेजी प्रमाणों की भी जांच करेंगी। इस सर्वेक्षण को मंगलवार रात तक पूरा करने की उम्मीद है।
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इस साल उत्तराखंड में 574 मिमी बारिश ने पिछले कई वर्षों के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं, जिससे राज्य में भारी तबाही हुई है। इसके बाद राज्य सरकार ने केंद्र से 5,702.15 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की मांग की है, ताकि नुकसान की भरपाई की जा सके और भविष्य में बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जा सके। राज्य के सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि जो लोग आपदा के कारण अपनी आजीविका गंवा चुके हैं, उनके लिए एक अलग प्रस्ताव भी केंद्र को जल्द ही भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राहत कार्यों का लगातार निरीक्षण कर रहे हैं और प्रभावित लोगों से मिलकर उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिला रहे हैं। अब सभी की नजरें केंद्रीय टीम की रिपोर्ट और केंद्र से मिलने वाली मदद पर टिकी हैं।