CJI DY Chandrachud: सुप्रीम कोर्ट के जजों को मिलने वाली लंबी गर्मियों की छुट्टियों को लेकर हमेशा से सवाल उठते रहे हैं. अब बदलाव करके लंबी छुट्टियों को आंशिक अवकाश में बदल दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि छुट्टियों की संख्या 90 दिनों से ज्यादा नहीं होनी चाहिए, जिनमें रविवार शामिल नहीं हैं. पहले यह संख्या 103 थी. मुख्य न्यायाधीश डी. (CJI DY Chandrachud) वाई. चंद्रचूड़ की अगुआई में नियमों में संशोधन कर इसे अधिसूचित किया गया है.
CJI DY Chandrachud
सुप्रीम कोर्ट ने अपनी पारंपरिक गर्मी की छुट्टियों को आंशिक अदालती कार्य दिवस नाम देने का कदम तब उठाया है जब सरकार ने जजों के लिए अलग-अलग छुट्टियों पर एक संसदीय समिति की सिफारिशें कोर्ट के महासचिव और 25 हाईकोर्ट के महापंजीयक के विचार के लिए भेजीं.
अधिसूचना में कहा गया है, ‘आंशिक अदालती कार्य दिवसों की मियाद और न्यायालय से संबंधित कार्यालयों के लिए छुट्टियों की संख्या ऐसी होगी जो मुख्य न्यायाधीश द्वारा तय की जा सकती है और आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचित की जा सकती है. (CJI DY Chandrachud) यह रविवार को छोड़कर नब्बे दिनों से अधिक नहीं होनी चाहिए.’
2025 के कैलेंडर के अनुसार आंशिक अदालत कार्य दिवस 26 मई 2025 से शुरू होकर 14 जुलाई 2025 तक रहेंगे. (CJI DY Chandrachud) साथ ही अवकाश जज शब्द को जज से बदल दिया गया है. अब तक सुप्रीम कोर्ट में हर साल मई-जुलाई के दौरान सात हफ्ते से ज्यादा दिनों का ग्रीष्मकाल अवकाश होता है और इस दौरान 2 से 3 अवकाशकालीन बेंच होती हैं, जिसमें जज सुनवाई करते हैं. इसी तरह दिसंबर में भी जजों की सर्दियों की छुट्टियां होती हैं.
उनका कहना था कि समिति की सिफारिश है कि न्यायाधीश साल के अलग-अलग समय पर अपनी छुट्टी लें ताकि अदालतें लगातार खुली रहें और वे मामलों की सुनवाई के लिए हमेशा उपस्थित रहें. समिति की राय थी कि अदालत की छुट्टियों पर जस्टिस लोढ़ा के सुझाव पर न्यायपालिका को विचार करना चाहिए.