Delhi Coaching Accident : दिल्ली के ओल्ड राजेंद्रनगर इलाके के राव आईएएस कोचिंग सेंटर की बेसमेंट में पानी भरने से यूपीएससी कर रहे तीन छात्रों की मौत का मुद्दा लोकसभा और राज्यसभा में गूंजा। इस पर मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर तीखी नोक झोंक देखने को मिली।
बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने चर्चा की शुरुआत करते हुए आम आदमी पार्टी और दिल्ली सरकार पर जमकर प्रहार करते हुए यह तक कह दिया कि ये आपराधिक लापरवाही है। राज्यसभा में सुधांशु त्रिवेदी का आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने तथ्यों के साथ जवाब दिया। साथ ही, केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने राज्यसभा में इस घटना की घोर निंदा की।
सांसद संजय सिंह ने सोमवार को राज्यसभा ने कहा कि सौरभ भारद्वाज और आतिशी ने अधिकारियों के साथ मीटिंग कर नाले की सफाई कराने के लिए कहा था। इस मीटिंग की वीडियो भी मैं सदन में रखूंगा, आप इसकी जांच कराइए। उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए जिन्होंने मंत्रियों के कहने पर भी कार्रवाई नहीं की।
दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग विवाद का जिक्र करते हुए संजय सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा था कि अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली की चुनी हुई सरकार को मिलना चाहिए, लेकिन कोर्ट के इस आदेश को इसी सदन में विधेयक लाकर पलटने का काम किया गया। आपने हमारे हाथ-पैर बांध दिए और स्विमिंग पूल में तैरने के लिए फेंक दिया। अब डंडे से मार-मारकर कह रहे हैं कि नंबर बढ़ाओ, नंबर बढ़ाओ। दिल्ली की सरकार को काम नहीं करने दिया जा रहा है।
संजय सिंह ने कहा कि दिल्ली में कोचिंग सेंटरों और इनके बेसमेंट में लाइब्रेरी आज से नहीं चल रही है। यह पिछले 15 से 20 साल से चल रहे हैं और तब एमसीडी में बीजेपी थी। इन्होंने (बीजेपी ने) पिछले 10-15, 15-20 साल में जो पाप किए हैं, उन्ही की देन है।
राज्यसभा में केंद्र सरकार के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए संजय सिंह ने कहा कि एलजी और अधिकारी ये प्रयास करते हैं कि दिल्ली की जनता का जीवन कैसे नर्क बनाया जाए। हर काम में रोड़े अटकाए जा रहे हैं दिल्ली के लोगों का अपराध क्या है, यही कि उन्होंने अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री बना दिया।
वहीं, केंद्रीय शिक्षा धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को राज्यसभा में राजधानी दिल्ली में तीन यूपीएससी उम्मीदवारों की मौत के संबंध में पूछे गए एक सवाल का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि यह हादसा घोर लापरवाही की वजह से हुआ है। शिक्षा मंत्री ने कहा, “जब जवाबदेही तय होगी, तभी समाधान निकलेगा…यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है कि ऐसी घटना दोबारा न हो।
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने प्रश्नकाल के दौरान इस घटना को उठाते हुए कहा, बिना किसी स्वीकृत इमारत और बिना किसी सुविधा के कुछ कोचिंग सेंटर माफिया बन गए हैं…क्या सरकार कोई कार्रवाई करने जा रही है? इस पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि जनवरी 2024 में सभी राज्यों को कोचिंग सेंटरों पर विस्तृत और विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए थे।
राजस्थान, बिहार, गोवा जैसे कुछ राज्यों में भी नियम हैं। मामले को देखने के लिए उनके पास अपने नियम हैं। यह सरकार सभी छात्रों की पूर्ण सामाजिक-मनोवैज्ञानिक और मानसिक सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है, चाहे वे किसी कोचिंग सेंटर में पढ़ रहे हों, किसी संस्थान में, स्कूली शिक्षा या उच्च शिक्षा में।
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