Delhi Liquor Policy Case: दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में सीएम अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका लगा है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीएम केजरीवाल की अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने की याचिका पर आज यानी शनिवार को सुनवाई करते हुए फिलहाल कोई राहत न देने की बात कही है।
वहीं सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तथ्यों को छिपाया और अपने स्वास्थ्य सहित कई मुद्दों पर गलत बयान दिए हैं। वहीं केजरीवाल की तरफ से कोर्ट में पेश वकील ने इसका जवाब देते हुए कहा कि केजरीवाल बीमार हैं और उन्हें इलाज की जरूरत है। बता दें, फिलहाल कोर्ट ने उनकी अंतरिम जमानत याचिका पर फैसला नहीं सुनाया है। फैसला 5 जून को सुनाया जाएगा।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सीएम केजरीवाल मेडिकल टेस्ट कराने की बजाए लगातार चुनावी रैलियां कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि केजरीवाल का सात किलो वजन कम होने का दावा बिल्कुल गलत है। तुषार मेहता ने आगे दावा किया कि उल्टा सीएम केजरीवाल का एक किलो वजन बढ़ गया है। वहीं केजरीवाल के वकील हरिहरन ने इसपर कहा कि ईडी यह सुझाव देना चाह रही हैं कि जो व्यक्ति बीमार है या जिसकी मेडिकल कंडीशन खराब है, उसे कोई उपचार नहीं मिलेगा? यह अनुच्छेद 21 का अधिकार है।
दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने कोर्ट में अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने की मांग करते हुए याचिका दायर की थी और कहा था कि अचानक और अस्पष्ट तरीके से वजन घटने के साथ-साथ उच्च कीटोन स्तर को देखते हुए सीटी स्कैन सहित कई अन्य मेडिकल टेस्ट कराने हैं।
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री ने सीएम केजरीवाल की याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार किया था। रजिस्ट्री ने कहा था कि चूंकि केजरीवाल को नियमित जमानत के लिए निचली अदालत जाने की आजादी दी गयी है तो ऐसे में इससे संबंधित याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने बीते 10 मई को सीएम केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार प्रसार के लिए 1 जून तक अंतरिम जमानत दी थी। इसके साथ ही कोर्ट ने केजरीवाल को 2 जून को सरेंडर करने का आदेश दिया था।
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