Delhi New Lieutenant Governor: एक बड़े राजनीतिक घटनाक्रम के तहत राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को जल्द ही नया उपराज्यपाल (L-G) मिल सकता है। सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार कई राज्यों में राज्यपालों के पदों पर फेरबदल की तैयारी में है, और इसी प्रक्रिया के तहत दिल्ली में भी शीर्ष संवैधानिक पद पर बदलाव की संभावना जताई जा रही है।
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, तीन प्रमुख नामों पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है –
अजय भल्ला, वर्तमान केंद्रीय गृह सचिव
राजेश खुल्लर, वरिष्ठ आईएएस अधिकारी जिनके पास व्यापक प्रशासनिक अनुभव है
सी. वी. आनंद बोस, वर्तमान में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल
इन तीनों को वर्तमान दिल्ली उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना के संभावित उत्तराधिकारी के रूप में देखा जा रहा है।
Delhi New Lieutenant Governor: वी. के. सक्सेना का संभावित स्थानांतरण
वी. के. सक्सेना, जो मई 2022 से दिल्ली के उपराज्यपाल के पद पर हैं, उन्हें जम्मू-कश्मीर या पश्चिम बंगाल जैसे राजनीतिक रूप से संवेदनशील और रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्यों में स्थानांतरित किया जा सकता है। (Delhi New Lieutenant Governor) यह कदम केंद्र द्वारा गवर्नेंस को सुव्यवस्थित करने और 2029 के लोकसभा चुनाव तथा कुछ महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
वहीं जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, जो एक अनुभवी राजनेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं, उन्हें भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व में एक प्रभावशाली भूमिका दी जा सकती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के भरोसेमंद माने जाने वाले सिन्हा को उनके दृढ़ प्रशासनिक रवैये और चुनावी कौशल के लिए जाना जाता है।
रणनीतिक फेरबदल के संकेत
अगर यह फेरबदल औपचारिक रूप लेता है, तो इससे दिल्ली, जम्मू-कश्मीर और पश्चिम बंगाल जैसे प्रमुख क्षेत्रों की राजनीतिक दिशा में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल सकते हैं। (Delhi New Lieutenant Governor) विश्लेषकों का मानना है कि इससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि भाजपा अब गवर्नेंस को कड़ा करने और आगामी चुनावी संघर्षों के लिए खुद को तैयार कर रही है, खासकर पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में जहां क्षेत्रीय दलों से उसे कड़ी टक्कर मिल रही है।
आधिकारिक घोषणा की प्रतीक्षा
राष्ट्रपति भवन से इस संदर्भ में अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन राजनीतिक और नौकरशाही हलकों में घटनाक्रमों पर बारीकी से नजर रखी जा रही है.