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Elizabeth Gogoi: गौरव गोगोई की पत्नी पर असम CM ने क्यों लगाया PAK से जुड़े होने का आरोप, जानें मामला

Published
5 महीना agoon
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News Desk
Elizabeth Gogoi: राजनीति में आरोप-प्रत्यारोपों का दौर पुराना रहा है। राजनीतिक दलों की तरफ से एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार, दल-बदल के आरोप लगाने का सिलसिला भी लोकतंत्र के स्थापित होने के वक्त से जारी है। हालांकि, किसी नेता या उसके परिवार के सदस्यों पर दुश्मन देश की विदेशी खुफिया एजेंसी से रिश्ते रखने के आरोप काफी कम ही देखे गए हैं। (Elizabeth Gogoi) हालांकि, अब ऐसे ही एक मामले ने भारतीय राजनीति में तूफान खड़ा कर दिया है। यह आरोप भी किसी आम या छोटे नेता ने नहीं, बल्कि असम के मुख्यमंत्री की तरफ से आए हैं। उन्होंने असम कांग्रेस के नेता और सांसद गौरव गोगोई को घेरा है और उनकी पत्नी पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी- आईएसआई से संपर्क रखने के आरोप लगाए हैं।
ऐसे में यह जानना अहम है कि आखिर एलिजाबेथ गोगोई कौन हैं? भाजपा ने उनके जरिए गौरव गोगोई को कैसे घेरा है? हिमंत बिस्व सरमा के दावों की वजह क्या है? इसके अलावा कांग्रेस नेता ने कैसे सरमा को जवाब दिया? आइये पूरा विवाद जानते हैं…

Elizabeth Gogoi: पहले जानें- क्या बोले हैं असम के मुख्यमंत्री और भाजपा?
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक्स पर एक लंबे पोस्ट में कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई पर गंभीर आरोप लगाए हैं। (Elizabeth Gogoi) उन्होंने कहा कि गौरव गोगोई ने अपनी ब्रिटिश पत्नी से शादी के बाद संसद में रक्षा मामलों से जुड़े संवेदनशील सवाल उठाए हैं। इतना ही नहीं सरमा ने कहा है कि गौरव की पत्नी एलिजाबेथ के पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी- इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) से रिश्ते हैं।
सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने आरोप लगाया कि 2015 में गौरव गोगोई ने अपनी संस्था ‘पॉलिसी फॉर यूथ’ के जरिए पाकिस्तान उच्चायोग का दौरा किया, जबकि वे तब संसद की विदेशी मामलों की समिति के सदस्य भी नहीं थे, जिससे उनकी भागीदारी के पीछे की मंशा पर सवाल उठे। एक विरोधी देश के राजदूत के साथ इस तरह की उच्च-स्तरीय बातचीत के लिए विदेश मंत्रालय की मंजूरी और बैठक के बाद की जानकारी की आवश्यकता होती है। हिमंता बिस्व सरमा ने कहा कि गौरव गोगोई ने संसद में भारतीय तटरक्षक रडार प्रणाली, हथियार कारखाने, रक्षा उपकरण, और भारत-ईरान व्यापार मार्ग जैसे संवेदनशील मुद्दों पर सवाल पूछे। यह पूरा घटनाक्रम, उनकी एक ब्रिटिश नागरिक से शादी के बाद हुई, जिनका पेशेवर बैकग्राउंड रहा है। इससे कई सवाल खड़े होते हैं।
सरमा यहीं नहीं रुके। उन्होंने एलिजाबेथ पर निशाना साधते हुए कहा कि गौरव गोगोई की पत्नी ने पहले पाकिस्तान में समय बिताया है। वो जिस संस्थान में काम करती थीं, वह आईएसआई का मुखौटा माना जाता है।
इस मामले में सरमा के दावों पर जोर देते हुए भाजपा भी मैदान में कूद गई। पार्टी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने दावा है कि गौरव गोगोई की पत्नी एलिजाबेथ कोलबर्न के पाकिस्तान और आईएसआई (इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस) से संबंध हैं। भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि एलिजाबेथ कोलबर्न का पाकिस्तान प्लानिंग कमिशन के सलाहकार अली तौकीर शेख और आईएसआई से जुड़ाव सामने आया है।
कहां काम करती थीं एलिजाबेथ, जिस पर सरमा ने उठाए सवाल?
एलिजाबेथ गोगोई ने पढ़ाई पूरी करने के बाद क्लाइमेट एंड डेवलपमेंट नॉलेज नेटवर्क (सीडीकेएन) के लिए काम किया। माना जा रहा है कि भाजपा इसी सीडीकेएन को आईएसआई का फ्रंट बता रही है।
सीडीकेएन की वेबसाइट पर एलिजाबेथ की जो प्रोफाइल दी गई है, उससे साफ है कि वे मार्च 2011 में संस्था में शामिल हुईं। वे जलवायु परिवर्तन, विकास नीति और अनुसंधान के बैकग्राउंड के जरिए सीडीकेएन का हिस्सा बनीं। इसकी वेबसाइट पर एलिजाबेथ का आखिरी लेख 2014 का है। इसमें कहा गया है कि उन्होंने संस्था के भारत और नेपाल से जुड़े कार्यक्रमों को संभाला है।
सीडीकेएन की वेबसाइट पर बताया गया है कि इससे पहले एलिजाबेथ 2009 में यूरोपीय संघ (ईयू) के जलवायु परिवर्तन पैकेज को लेकर यूरोपीय संसद में काम कर चुकी हैं। इसके अलावा उन्होंने ईयू के लिए ही ओवरसीज डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट (ओडीआई) के लिए भी काम किया। इसके अलावा वे अमेरिकी संसद के उच्च सदन- सीनेट और संयुक्त राष्ट्र सचिवालय में भी काम कर चुकी हैं। एलिजाबेथ तंजानिया और दक्षिण अफ्रीका में एनजीओ के लिए भी सेवाएं दे चुकी हैं।
जिस एजेंसी पर उठे सवाल, वह सीडीकेएन करती क्या है?
क्लाइमेट एंड डेवलपमेंट नॉलेज नेटवर्क की वेबसाइट में कहा गया है कि एजेंसी वैश्विक दक्षिण (विकासशील देशों) में जलवायु परिवर्तन से प्रभावित देशों में स्थिति को सुधारने से जुड़े कामों में शामिल रही है।
इसकी स्थापना 2010 में हुई थी और यह अफ्रीका, एशिया, लातिन अमेरिका और कैरिबियाई देशों में सक्रिय है। सीडीकेएन के मुताबिक, उसके पांच साल के जिस फेज (2022-27) पर काम चल रहा है, उसके तहत संस्था वंचित समूहों की जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने में मदद कर रहा है। सीडीकेएन का कहना है कि उसके इस पंचवर्षीय फेज को नीदरलैंड्स के विदेश मंत्रालय और कनाडा के इंटरनेशनल डेवलपमेंट रिसर्च सेंटर (आईडीआरसी) के जरिए फंडिंग दी जा रही है। यानी कनाडा और नीदरलैंड्स साझेदारी में इस कार्यक्रम में सहयोग कर रहे हैं।
हिमंत बिस्व सरमा-गौरव गोगोई के बीच विवादों का है पुराना इतिहास?
गौरतलब है कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और असम के दिग्गज गोगोई परिवार के बीच यह विवाद कोई नया नहीं है। कभी कांग्रेस का हिस्सा रहे हिमंत बिस्व सरमा के भाजपा में शामिल होने की वजह ही असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई और उनके बेटे गौरव गोगोई को माना जाता है। दरअसल, सरमा खुद कई मौकों पर कह चुके हैं कि तरुण गोगोई उनके बजाय अपने बेटे गौरव को असम के सीएम के तौर पर बढ़ाना चाहते थे। इस मामले में कांग्रेस आलाकमान ने भी सरमा की नहीं सुनी थी। इसलिए 2015 में सरमा ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था।
2023 में ही गौरव गोगोई ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री सरमा ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए केंद्र सरकार की एक योजना के तहत अपनी पत्नी रिनिकी भुइयां सरमा की मीडिया कंपनी को 10 करोड़ की ग्रांट दिलाने का आरोप लगाया था। इन आरोपों को लेकर रिनिकी ने गोगोई के खिलाफ 10 करोड़ रुपये की मानहानि का केस किया था।
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