Gyanvapi Case: वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी विवाद मामले में मुस्लिम पक्ष को मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने टाइटल सूट को चुनौती देने वाली मुस्लिम पक्ष की सभी पांच याचिकाओं को खारिज कर दिया है।
यह फैसला जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच ने सुनाया है। दरअसल, मुस्लिम पक्ष ने हिंदू पक्ष के 1991 के मुकदमे को चुनौती देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिकाएं दाखिल की थीं। Gyanvapi Case: इन याचिकाओं में टाइटल सूट को रद्द करने, सर्वेक्षण को रोकने और मुकदमे को किसी अन्य अदालत में स्थानांतरित करने की मांग की गई थी।
हिंदू पक्ष ने इस फैसले का स्वागत किया है। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि यह फैसला इतिहास के पक्ष में गया है। उन्होंने कहा कि यह फैसला देश की अदालतों की स्वतंत्रता और निष्पक्षता का प्रतीक है।
मुस्लिम पक्ष ने इस फैसले का विरोध किया है। मुस्लिम पक्ष के वकील अभय नाथ यादव ने कहा कि यह फैसला पक्षपाती है। उन्होंने कहा कि हम इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
1991 में, हिंदू पक्ष ने वाराणसी की जिला अदालत में एक याचिका दायर की थी। इस याचिका में उन्होंने मांग की थी कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी मंदिर को खोला जाए। Gyanvapi Case: 2021 में, अदालत ने इस मामले में सर्वेक्षण का आदेश दिया था। सर्वेक्षण के बाद, हिंदू पक्ष ने दावा किया कि मस्जिद में शिवलिंग मिला है। मुस्लिम पक्ष ने इस दावे का खंडन किया है।
यह मामला देश में एक बड़ा विवाद बन गया है। इस मामले पर देशभर में विभिन्न समुदायों के लोगों ने प्रदर्शन किए हैं।