Haryana News: हरियाणा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) वाई पूरन कुमार की 7 अक्टूबर को सिर में गोली लगने से मौत हो गई। पुलिस ने इस घटना को आत्महत्या करार दिया है। 52 वर्षीय पूरन कुमार, 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी थे और हरियाणा कैडर में अपनी सेवाएं दे रहे थे। यह दुखद घटना चंडीगढ़ के सेक्टर 11 स्थित उनके आवास पर हुई, जिसने पुलिस महकमे और प्रशासनिक गलियारों में हलचल मचा दी है।
7 अक्टूबर को दोपहर करीब 1:30 बजे पुलिस को सूचना मिली कि वाई पूरन कुमार अपने घर के बेसमेंट में मृत पाए गए हैं। पुलिस के अनुसार, उन्होंने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मारी। बेसमेंट साउंडप्रूफ होने के कारण गोली की आवाज बाहर नहीं पहुंची, जिससे घटना की तत्काल जानकारी नहीं मिल सकी। (Haryana News) पूरन कुमार की पत्नी, जो स्वयं एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं, उस वक्त घर पर मौजूद नहीं थीं। वह हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ जापान के दौरे पर थीं।पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। घटनास्थल को सील कर जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस ने आसपास कोई सुसाइड नोट या चिट्ठी बरामद नहीं की। (Haryana News) सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है, हालांकि अभी तक पुलिस ने इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की है। फॉरेंसिक जांच के लिए भी सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
वाई पूरन कुमार अपने करियर में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाल चुके थे। मूल रूप से आंध्र प्रदेश के रहने वाले पूरन कुमार ने इंजीनियरिंग में स्नातक की पढ़ाई पूरी की थी। (Haryana News) उन्होंने अंबाला, कुरुक्षेत्र, रोहतक जैसे जिलों में अपनी सेवाएं दीं और अंबाला व रोहतक रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) के पद पर भी कार्य किया। उनकी छवि एक तेजतर्रार, निष्पक्ष और पारदर्शिता के लिए प्रतिबद्ध अधिकारी की थी। वह अक्सर अधिकारियों की वरिष्ठता, अधिकारों और प्रशासनिक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता जैसे मुद्दों पर मुखर रहते थे।
Haryana News: जातिगत भेदभाव के गंभीर आरोप
पूरन कुमार दलित समुदाय से ताल्लुक रखते थे और पुलिस महकमे में दलित अधिकारियों के साथ भेदभाव के मुद्दे पर कई बार खुलकर बोले। उन्होंने आरोप लगाया था कि एससी वर्ग के अधिकारियों के साथ समान व्यवहार नहीं किया जाता। (Haryana News) उन्होंने कई बार लिखित और मौखिक रूप से अपनी शिकायतें दर्ज कराईं, जिसमें यह दावा किया कि उनकी अपीलों पर कार्रवाई नहीं हुई क्योंकि वह दलित समुदाय से हैं। इन आरोपों ने उनके और प्रशासन के बीच तनाव को और बढ़ा दिया था।प्रशासनिक विवादों से भरा करियरपूरन कुमार का करियर कई प्रशासनिक विवादों से भी घिरा रहा। वह अपने रिटायरमेंट से पहले, जो कि 2033 में होना था, कई बार हरियाणा सरकार और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ टकराव में रहे। उनके कुछ प्रमुख विवाद इस प्रकार हैं:
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सरकारी गाड़ी विवाद (अप्रैल 2024): पूरन कुमार ने अपनी सरकारी गाड़ी लौटा दी थी, यह आरोप लगाते हुए कि उन्हें उनके हक के अनुसार गाड़ी नहीं दी गई। (Haryana News) उन्होंने सरकार पर पक्षपात और चुनिंदा अधिकारियों को प्राथमिकता देने का आरोप लगाया। उस समय वह आईजी टेलीकम्युनिकेशन के पद पर थे और डायल 112 इमरजेंसी रिस्पांस प्रोजेक्ट को लीड कर रहे थे।
पदोन्नति में अनियमितता: पूरन कुमार ने 1991, 1996, 1997 और 2005 बैच के आईपीएस अधिकारियों के प्रमोशन पर सवाल उठाए। उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को पत्र लिखकर कहा कि ये प्रमोशन गृह मंत्रालय की गाइडलाइंस को नजरअंदाज कर केवल वित्त विभाग की सहमति से दिए गए, जो कि कानूनन गलत है।
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वेतन और बकाया भुगतान की मांग: उन्होंने अपने वेतन के पुनर्निर्धारण और बकाया भुगतान की मांग की थी। (Haryana News) इसके साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि 1997 बैच के अधिकारियों को पहले ही वेतन वृद्धि और प्रमोशन दे दिए गए, जबकि उनका प्रमोशन जानबूझकर टाला गया।
आईजीपी होमगार्ड्स पद का विवाद (मार्च 2023): पूरन कुमार को आईजीपी होमगार्ड्स बनाया गया, लेकिन उन्होंने तत्कालीन मुख्य सचिव संजीव कौशल को पत्र लिखकर कहा कि यह पद औपचारिक रूप से कभी बनाया ही नहीं गया। उन्होंने इसे अपने खिलाफ अपमान और उत्पीड़न का प्रयास बताया।
वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के खिलाफ शिकायत: 2024 में, पूरन कुमार ने एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के खिलाफ उत्पीड़न और अपमान की शिकायतें दर्ज कीं। (Haryana News) दो महीनों में उन्होंने पांच अलग-अलग शिकायतें कीं। उनकी शिकायतों की जांच के लिए बनाई गई समिति को भी उन्होंने पक्षपातपूर्ण बताकर इसका विरोध किया।
सिरसा मंदिर विवाद (2022): पूरन कुमार ने सिरसा पुलिस लाइंस में एक मंदिर के अनधिकृत निर्माण को लेकर कार्रवाई शुरू कराई थी, जिसके बाद विभागीय जांच बिठाई गई थी।
पत्नी हैं IAS अधिकारी
पूरन कुमार की पत्नी, अमनीत पी कुमार, 2001 बैच की हरियाणा कैडर की वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं। वह वर्तमान में हरियाणा में नागरिक उड्डयन और भविष्य विभाग की कमिश्नर और सचिव के पद पर कार्यरत हैं। (Haryana News) उन्हें विदेशी सहयोग का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया है। इस दुखद घटना के समय वह जापान में थीं और अभी तक उन्होंने इस मामले पर कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है।
वहीं, हरियाणा पुलिस इस मामले को अत्यंत गंभीरता से ले रही है। घटना की जांच के लिए सभी पहलुओं पर गौर किया जा रहा है। फॉरेंसिक विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है और सीसीटीवी फुटेज की गहन जांच की जा रही है। पुलिस ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि क्या इस मामले में कोई बाहरी संलिप्तता हो सकती है या यह पूरी तरह आत्महत्या का मामला है।