News
India China Row: ‘भारतीय क्षेत्र पर चीन के अवैध कब्जे को कभी स्वीकार नहीं किया’, संसद में मोदी सरकार का बयान

Published
1 महीना agoon
By
News DeskIndia China Row: चीन की आक्रामकता कम होने का नाम नहीं ले रही है। एक बार फिर भारतीय जमीन पर चीन की नापाक नजर का मामला सामने आया है। सरकार ने संसद को बताया कि भारत को चीन की ओर से दो नए क्षेत्र बसाने की जानकारी है। यहां चीनी जमावड़े पर भी हमारी नजर है। (India China Row) इन इलाकों के कुछ हिस्से लद्दाख में आते हैं, और सरकार ने राजनयिक माध्यमों से इस पर गंभीर विरोध दर्ज कराया है।
विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने शुक्रवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, ‘भारत सरकार ने भारतीय क्षेत्र पर चीन के अवैध कब्जे को कभी स्वीकार नहीं किया है। नए काउंटी बनाने से न तो इस क्षेत्र पर हमारी संप्रभुता के बारे में भारत की दीर्घकालिक और सुसंगत स्थिति पर कोई असर पड़ेगा, न ही चीन के अवैध और जबरन कब्जे को वैधता मिलेगी। (India China Row) उन्होंने कहा कि सरकार ने इन घटनाक्रमों पर राजनयिक माध्यमों से अपना गंभीर विरोध दर्ज कराया है।

India China Row: मंत्रालय से पूछा गया था यह सवाल
मंत्रालय से पूछा गया कि क्या सरकार को लद्दाख में भारतीय क्षेत्र को शामिल करते हुए होटन प्रान्त में दो नए काउंटी स्थापित करने की जानकारी है, यदि हां, तो इस मुद्दे को हल करने के लिए सरकार द्वारा किए गए रणनीतिक और कूटनीतिक उपाय क्या हैं? प्रश्न में भारत द्वारा इन काउंटियों के निर्माण के खिलाफ दर्ज किए गए विरोधों का विवरण भी मांगा गया। (India China Row) साथ ही चीनी सरकार से प्राप्त जवाबों, यदि कोई हो, के बारे में भी पूछा गया। यह भी पूछा गया कि क्या सरकार ने अक्साई चिन क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रशासनिक और बुनियादी ढांचे के विकास का मुकाबला करने के लिए कोई दीर्घकालिक रणनीति तैयार की है।
सरकार ने क्या जवाब दिया?
उन्होंने कहा, ‘भारत सरकार चीन के होटन प्रान्त में तथाकथित दो नए काउंटियों की स्थापना से संबंधित चीनी पक्ष की घोषणा से अवगत है। (India China Row) इन तथाकथित काउंटियों के अधिकार क्षेत्र के कुछ हिस्से भारत के केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में आते हैं। सरकार यह भी जानती है कि चीन सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का विकास कर रहा है।’ राज्य मंत्री ने कहा कि सरकार सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास के लिए बुनियादी ढांचे के सुधार पर सावधानीपूर्वक और विशेष ध्यान देती है, ताकि इन क्षेत्रों के आर्थिक विकास को सुविधाजनक बनाया जा सके। साथ ही भारत की रणनीतिक और सुरक्षा आवश्यकताओं को भी पूरा किया जा सके।

सीमा बुनियादी ढांचे के लिए बजट आवंटन में वृद्धि
सरकार की ओर से बताया गया कि पिछले दशक (2014-2024) में सीमा बुनियादी ढांचे के लिए बजट आवंटन में वृद्धि हुई है। मंत्री ने कहा कि अकेले सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने पिछले दशक की तुलना में तीन गुना अधिक खर्च किया है। उन्होंने कहा, ‘सड़क नेटवर्क, पुलों और सुरंगों की संख्या की लंबाई में पहले की तुलना में काफी वृद्धि देखी गई है। इससे स्थानीय आबादी को कनेक्टिविटी प्रदान करने और हमारे सशस्त्र बलों के लिए बेहतर रसद सहायता प्रदान करने में मदद मिली है।’