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India News: 7 दशक पुराने भारत-सीरिया के राजनयिक संबंध, दमिश्क में एक सड़क नेहरू के नाम पर; कश्मीर मुद्दे पर था भारत के साथ

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India News: भारत और सीरिया के मध्य राजनयिक संबंध 1950 में स्थापित हुए थे। इसी का नतीजा है कि दमिश्क में तो एक सड़क का नाम ही तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के नाम पर रखा गया है और यह दोनों देशों के बीच मित्रता की याद दिलाती है। (India News) दशकों तक दोनों राष्ट्रों मे एक अटूट संबंध रहा है और विशेषकर असद के शासनकाल में यह और मजबूत हुआ।

India News: इन क्षेत्रों में भारत

सीरिया भी लगातार कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर भारत का समर्थन करता आया है और इनमें कश्मीर का मुद्दा भी शामिल है। वर्ष 2003 में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने सीरिया का दौरा किया था और बायोटेक्नोलॉजी, लघु उद्योग और शिक्षा को लेकर समझौते किए थे। (India News) भारत ने सीरिया को 2.50 करोड़ डॉलर के ऋण की व्यवस्था कराने के साथ दमिश्क में बायोटेक्नोलॉजी का केंद्र खोलने के लिए 10 लाख डॉलर का अनुदान भी दिया था।

बशर अल असद ने किया था भारत का दौरा

2008 में बशर ने भारत का दौरा किया और कृषि सहयोग के साथ सीरिया में फास्फेट को लेकर शोध की योजनाओं पेश कीं। भारत ने सीरिया में एक आईटी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने का प्रस्ताव दिया था। (India News) हालांकि, सीरिया में जारी युद्ध और असद को सत्ता से हटाए जाने के बाद दोनों देशों के संबंधों के भविष्य को लेकर सवाल उठने लगे हैं।

भारत ने अपनाया तटस्थ रुख

भारत ने सीरियाई नेतृत्व वाले समाधान की वकालत की है और देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर जोर देते हुए तटस्थ रुख बनाए रखा है। भारत इससे पूर्व गोलन हाइट्स पर सीरिया के दावे का समर्थन कर चुका है। कई क्षेत्रों में आर्थिक मदद भी की थी। चुनौतियों के बावजूद भारत ने दमिश्क में अपने दूतावास को चालू रखा है और सीरिया सरकार के साथ जुड़ाव की बाट जोह रहा है।

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