Indian security forces: जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले में सुरक्षा बलों ने दो आतंकियों को ढेर कर दिया। ये आतंकी गुरेज सेक्टर से नियंत्रण रेखा पार करके घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे। बताया जा रहा है कि ये आतंकी भारी हथियारों से लैस थे। (Indian security forces) यह मुठभेड़ नौशेरा नार के पास हुई, जहां दोनों आतंकियों को मार गिराया गया। अभी आशंका जताई जा रही है कि पांच और आतंकी इलाके में छिपे हुए हो सकते हैं और एनकाउंटर जारी है। तलाशी अभियान के दौरान सेना को दो आतंकियों की लाशें मिली हैं, जिनमें से एक आतंकी पिछले दो दशकों से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में सक्रिय था।
भारतीय सेना ने पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर में 1995 से रहने वाले आतंकी बागू खान को मार गिराया है। आतंकवादी संगठनों में बागू खान को मानव जीपीएस के तौर पर जाना जाता था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बागू खान 100 से ज्यादा घुसपैठ की कोशिशों में सफल रहा था। (Indian security forces) उसे पूरे इलाके के सुरक्षित और गुप्त रास्तों की जानकारी थी, जिसका इस्तेमाल आतंकी समूह घुसपैठ के लिए करते थे। बागू खान को समंदर चाचा के नाम से भी जाना जाता है, और वह हिजबुल मुजाहिदीन का कमांडर भी रह चुका है, इस दौरान उसने कई आतंकी संगठनों की घुसपैठ में मदद की थी।
पुलवामा हमले के आतंकी भी गुरेज सेक्टर से भारत में घुसे थे। अधिकारियों के मुताबिक, 2022 में पहलगाम के हमलावर भी गुरेज सेक्टर से घुसपैठ कर आए थे। 21 अप्रैल को उन्होंने बैसरन के पास हिल पार्क में शरण ली थी, और अगले दिन आतंकी हमले को अंजाम दिया था।
पहलगाम हमले के तीन आतंकी पाकिस्तानी थे, यह सुरक्षा एजेंसियों ने आधिकारिक दस्तावेज़ और बायोमेट्रिक डेटा के जरिए साबित किया। (Indian security forces) 28 जुलाई को सेना ने श्रीनगर के बाहरी क्षेत्र में लश्कर-ए-तैयबा के तीन कमांडरों को ‘ऑपरेशन महादेव’ में मार गिराया था। 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन इलाके में आतंकियों ने धर्म पूछकर लोगों की जान ली थी, जिसमें 25 भारतीय नागरिकों सहित कुल 26 लोगों की मौत हो गई थी।
अधिकारियों के अनुसार, ‘ऑपरेशन महादेव’ से जुटाए गए फोरेंसिक, दस्तावेजी और अन्य साक्ष्यों से यह स्पष्ट हुआ कि तीनों आतंकी पाकिस्तानी नागरिक थे और उनका संबंध लश्कर-ए-तैयबा से था। हमले के बाद से तीनों आतंकी दाचीगाम-हरवान वन क्षेत्र में छिपे हुए थे। (Indian security forces) उनकी पहचान सुलेमान शाह उर्फ ‘फैजल जट्ट’, अबू हमजा उर्फ अफगान और यासिर उर्फ जिब्रान के तौर पर हुई है।