Indresh Kumar : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के लिए 400 पार नारा सेट किया था, लेकिन जनता जर्नादन ने इस नारे को नकराते हुए अकेले दम पर भाजपा को पूर्ण बहुमत से आने से रोका तो वहीं विरोधी दल के गठबंधन को इंडिया अलायंस को बहुमत से काफी दूर रखा। इसका नतीजा ये हुआ कि भाजपा को एनडीए अलायंस के सहयोग से पांच साल सरकार चलानी होगी।
जनता जर्नादन द्वारा लोकसभा चुनाव में किये गए मतदान के बाद आए फैसलों पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के नेता इंद्रेश कुमार ने एनडीए और इंडिया गठबंधन पर कड़े शब्दों में तंज कसा है और दोनों गठबंधन को आईना दिखाया है। उन्होंने सत्तारूढ़ दल बीजेपी को ‘अहंकारी’ और विपक्षी इंडिया ब्लॉक को ‘राम विरोधी’ कह दिया है।
Indresh Kumar : राम की भक्ति वाले अंहकारी हो गए आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने कहा कि राम सबके साथ न्याय करते हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव को देख लें। जिन्होंने राम की भक्ति की, लेकिन उनमें धीरे-धीरे अंहकार आ गया। उस पार्टी को सबसे बड़ी पार्टी बना दिया. लेकिन जो उसको पूर्ण हक मिलना चाहिए, जो शक्ति मिलनी चाहिए थी, वो भगवान ने अहंकार के कारण रोक दी। जिन्होंने राम का विरोध किया, उन्हें बिल्कुल भी शक्ति नहीं दी। उनमें से किसी को भी शक्ति नहीं दी। सब मिलकर भी नंबर-1 नहीं बने। नंबर-2 पर खड़े रह गए, इसलिए प्रभु का न्याय विचित्र नहीं है. सत्य है। बड़ा आनंददायक है। इंद्रेश कुमार गुरुवार को जयपुर के पास कानोता में ‘रामरथ अयोध्या यात्रा दर्शन पूजन समारोह’ में भाग लिया। उन्होंने अपने बयान में किसी पार्टी का नाम नहीं लिया, मगर उनका इशारा साफ तौर पर पक्ष-विपक्ष की तरफ था।
इंद्रेश कुमार ने भाजपा के लिए कहा कि जिस पार्टी ने (भगवान राम की) भक्ति की, लेकिन अहंकारी हो गई, उसे 241 पर रोक दिया। लेकिन उसे सबसे बड़ी पार्टी बना दिया गया। कांग्रेस के इंडिया ब्लॉक का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जिनकी राम में कोई आस्था नहीं थी, उन्हें एक साथ 234 पर रोक दिया गया। लोकतंत्र में रामराज्य का विधान देखिए, जिन्होंने राम की भक्ति की लेकिन धीरे-धीरे अहंकारी हो गए, वो पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, लेकिन जो वोट और ताकत मिलनी चाहिए थी, वो भगवान ने उनके अहंकार के कारण रोक दी। उन्होंने कहा कि जो लोग राम की पूजा करते हैं उन्हें विनम्र होना चाहिए और जो राम का विरोध करते हैं, भगवान स्वयं उनसे निपटते हैं।
उन्होंने कहा कि भगवान राम भेदभाव नहीं करते और दंड नहीं देते. राम किसी को विलाप नहीं कराते। राम सबको न्याय देते हैं। वो देते हैं और देते रहेंगे। भगवान राम हमेशा न्यायप्रिय हैं और न्यायप्रिय रहेंगे। इंद्रेश कुमार का यह बयान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान के कुछ दिन बाद आया है।
नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में मोहन भागवत ने आगे कहा था, जो सच्चे सेवक हैं, जिसे वास्तविक सेवक कहा जा सकता है, वो मर्यादा से चलता है. उस मर्यादा का पालन करके जो चलता है, वो कर्म करता है लेकिन कर्मों में लिपटा नहीं होता। उसमें अहंकार नहीं आता कि मैंने किया। वही सेवक कहने का अधिकारी रहता है। एक सच्चा ‘सेवक’ गरिमा बनाए रखता है। वो काम करते समय मर्यादा का पालन करता है। सिर्फ उस व्यक्ति को सच्चा ‘सेवक’ कहा जा सकता है।