Inter-Religion Married Couple: ‘मोहम्मद गालिब से की शादी तो जान का दुश्मन बन गया परिवार’, पुलिस प्रोटेक्शन के लिए कोर्ट पहुंची हिंदू लड़की, जानें जज ने क्या कहा
दंपति के वकील श्रीकांत थंबन ने बताया कि उनके मुवक्किल की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कायमकुलम पुलिस थाना अधिकारी को उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने और उनकी याचिका के लंबित रहने के दौरान उन्हें झारखंड वापस नहीं भेजने का निर्देश दिया.
जस्टिस सी एस डायस ने पुलिस को भी नोटिस जारी किया और अगली सुनवाई से पहले उससे मामले पर जवाब मांगा. (Inter-Religion Married Couple) याचिकाकर्ताओं 26 वर्षीय आशा वर्मा और 30 वर्षीय मोहम्मद गालिब ने अपनी याचिका में दावा किया है कि उनके बीच 10 साल से प्रेम संबंध हैं.
अपने परिवारों से लगातार मिल रही धमकियों और ‘झूठी शान की खातिर मार डालने’ (ऑनर किलिंग) के खतरे के कारण वे इस साल फरवरी में केरल आ गए थे. याचिका के अनुसार, दंपति ने 11 फरवरी को अलपुझा जिले के कायमकुलम में इस्लामी रीति-रिवाजों के अनुसार शादी कर ली थी.
याचिका में दावा किया गया है कि आशा की बहन 14 फरवरी को झारखंड के रजरप्पा से एक पुलिस अधिकारी के साथ केरल पहुंची और उसने आशा पर यह कहने के लिए कथित तौर पर दबाव बनाया कि उसका अपहरण किया गया है. (Inter-Religion Married Couple) याचिका में कहा गया है कि आशा ने ऐसा करने से इनकार कर दिया और बाद में जिला पुलिस एवं राज्य पुलिस प्रमुख के पास शिकायत दर्ज कराई, जिसमें सुरक्षा की मांग की गई.
याचिका में कहा गया है, ‘याचिकाकर्ता (आशा और गालिब) अनुच्छेद 19(1)(ई) और 21 के तहत अपने मौलिक अधिकारों का हवाला देते हुए भारत में स्वतंत्र रूप से कहीं भी रहने और विवाह करने के अपने अधिकार का दावा करते हैं. (Inter-Religion Married Couple) उनके परिवारों की धमकियां और संभावित पुलिस हस्तक्षेप इन अधिकारों का उल्लंघन करते हैं.’
याचिकाकर्ता ने कहा, ‘वे अदालत से अनुरोध करते हैं कि वह प्रतिवादियों को उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने, जबरन निष्कासन को रोकने और उन्हें खतरे में डालने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश देने के लिए एक रिट के माध्यम से हस्तक्षेप करे. (Inter-Religion Married Couple) उनके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करने और अपूरणीय क्षति को रोकने के लिए तत्काल सुरक्षा मुहैया कराया जाना आवश्यक है.’