Jagdeep Dhankar Resign: देश की राजनीति में सोमवार को एक बड़ा झटका तब लगा जब भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उनके इस कदम ने राजनीतिक गलियारों में तीव्र हलचल पैदा कर दी है और तरह-तरह की अटकलों का दौर शुरू हो गया है। (Jagdeep Dhankhar Resign) धनखड़ ने अपने इस्तीफे में स्वास्थ्य कारणों और डॉक्टरों की सलाह को मुख्य वजह बताया है, लेकिन उनके कार्यकाल के अभी दो साल शेष रहते हुए लिए गए इस निर्णय से कई अनुत्तरित प्रश्न खड़े हो गए हैं।
Jagdeep Dhankhar Resign: स्वास्थ्य या कुछ और? अचानक इस्तीफे से उपजे सवाल
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजे अपने इस्तीफे पत्र में स्पष्ट किया है कि वे स्वास्थ्य कारणों को प्राथमिकता देते हुए और चिकित्सा सलाह का पालन करते हुए तत्काल प्रभाव से पद छोड़ रहे हैं। (Jagdeep Dhankhar Resign) उन्होंने लिखा, “माननीय राष्ट्रपति जी, स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सा सलाह का पालन करने के लिए, मैं संविधान के अनुच्छेद 67 (ए) के अनुसार, तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देता हूं।” उनके इस्तीफे के इस अचानक निर्णय ने सभी को चौंका दिया है, खासकर तब जब उन्होंने पहले कहा था कि अगर ईश्वर ने चाहा तो वे अगस्त 2027 में सेवानिवृत्त होंगे। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या स्वास्थ्य ही असली वजह है या फिर पर्दे के पीछे कोई और राजनीतिक समीकरण काम कर रहा है। आने वाले दिन ही इस पर से पर्दा उठा सकते हैं।
धनखड़ का आभार और कार्यकाल की स्मृतियां
अपने त्याग पत्र में, धनखड़ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के प्रति गहरा आभार व्यक्त किया। (Jagdeep Dhankhar Resign) उन्होंने लिखा, “मैं माननीय राष्ट्रपति महोदया का उनके अटूट समर्थन और मेरे कार्यकाल के दौरान हमारे बीच बनाए गए सुखद और अद्भुत कामकाजी संबंध के लिए हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं।” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मंत्रिपरिषद के प्रति भी अपनी कृतज्ञता ज्ञापित की। (Jagdeep Dhankhar Resign) धनखड़ ने कहा, “मैं माननीय प्रधानमंत्री और सम्मानित मंत्रिपरिषद के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करता हूं। प्रधानमंत्री का सहयोग और समर्थन अमूल्य रहा है, और मैंने अपने कार्यकाल के दौरान बहुत कुछ सीखा है।” उपराष्ट्रपति ने संसद के सभी माननीय सदस्यों से मिले प्यार, विश्वास और स्नेह को भी अपनी स्मृति में संजोने की बात कही। उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति के रूप में प्राप्त अमूल्य अनुभव और अंतर्दृष्टि के लिए वे गहराई से आभारी हैं।
भारत की प्रगति में भागीदारी का गर्व
धनखड़ ने अपने कार्यकाल को भारत की उल्लेखनीय आर्थिक प्रगति और अभूतपूर्व घातांकीय विकास का साक्षी बनने और उसमें भाग लेने का सौभाग्य और संतोष बताया। (Jagdeep Dhankhar Resign) उन्होंने कहा, “हमारे राष्ट्र के इतिहास के इस परिवर्तनकारी युग में सेवा करना एक सच्चा सम्मान रहा है।” पद छोड़ते समय, उन्होंने भारत के वैश्विक उत्थान और अभूतपूर्व उपलब्धियों पर गर्व व्यक्त किया और उसके उज्ज्वल भविष्य में अटूट विश्वास जताया। धनखड़ के इस अचानक इस्तीफे से खाली हुए उपराष्ट्रपति पद पर अब नए सिरे से चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी, जिस पर देश की निगाहें टिकी रहेंगी।