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US Politics: ट्रंप के फैसलों को कानूनी चुनौती, उपराष्ट्रपति वेंस-मस्क बोले- अमेरिकी अदालतों के अधिकार पर सवाल

Published
1 महीना agoon
By
News Desk
US Politics: अमेरिका में सत्ता परिवर्तन के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पूर्ववर्ती जो बाइडन के कई फैसलों को पलटा है। इसके अलावा, उन्होंने कई ऐसे कार्यकारी आदेशों पर भी दस्तखत किए हैं, जिसे अमेरिकी अदालतों में चुनौती दी गई है। कई संघीय न्यायाधीशों ने ट्रंप के फैसलों पर अस्थायी रोक भी लगाई है। अब अरबपति एलन मस्क और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस जैसे अधिकारियों ने एक संघीय न्यायाधीश के उस फैसले की आलोचना की है, जिसमें मस्क के सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) को ट्रेजरी विभाग के रिकॉर्ड तक पहुंचने से रोक दिया गया। इससे नाराज ट्रंप ने न्यायिक निगरानी की वैधता पर भी सवाल उठाया, जो अमेरिकी लोकतंत्र का एक मूलभूत स्तंभ है। मस्क के अलावा जेडी वेंस ने भी अमेरिकी अदालतों के अधिकारों पर सवाल खड़े किए हैं।

जेडी वेंस ने रविवार सुबह एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, ‘यदि कोई न्यायाधीश किसी जनरल को यह बताने की कोशिश करता है कि सैन्य अभियान कैसे चलाया जाए, तो यह अवैध होगा। यदि कोई न्यायाधीश अटॉर्नी जनरल को यह निर्देश देने की कोशिश करता है कि अभियोजक के रूप में वह अपने विवेक का उपयोग कैसे करें, तो यह भी अवैध है। न्यायाधीशों को कार्यकारी की वैध शक्ति को नियंत्रित करने की अनुमति नहीं है।’
US Politics: मस्क की मांग के कुछ घंटों बाद जेडी वेंस ने की पोस्ट
जेडी वेंस ने यह पोस्ट एलन मस्क की मांग के कुछ घंटों बाद किया। मस्क ने उनके खिलाफ फैसला देने वाले जज पर महाभियोग चलाने की मांग की। मस्क ने जज को भ्रष्ट बताते हुए कहा कि इस पर महाभियोग चलाया जाना चाहिए।
अपव्यय की पहचान के लिए सरकारी सिस्टम में लगा रहे सेंध: मस्क
बता दें कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एलन मस्क को संघीय सरकार में अपव्यय को जड़ से खत्म करने का काम सौंपा है। लेकिन मस्क के खिलाफ अदालत के आदेश ने उनकी टीम को ट्रेजरी सिस्टम तक पहुंच बनाने से रोक दिया है, जिसमें लाखों अमेरिकियों के सामाजिक सुरक्षा और बैंक खाता संख्या जैसे संवेदनशील व्यक्तिगत डेटा शामिल हैं। वहीं, मस्क और उनकी टीम का कहना है कि वे रिपब्लिकन राष्ट्रपति के निर्देश पर अपव्यय और दुरुपयोग की पहचान करने के लिए सरकारी सिस्टम में सेंध लगा रहे हैं।

मिलर ने फैसले को लोकतंत्र के विचार पर हमला बताया
व्हाइट हाउस के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ स्टीफन मिलर ने इस फैसले को ‘लोकतंत्र के विचार पर हमला’ बताया। उन्होंने कहा, ‘हम देख रहे हैं कि कुछ ऐसे नौकरशाह हैं, जिन्हें कोई नहीं चुनता और जो किसी के प्रति जवाबदेह नहीं हैं। उनके पास आजीवन नौकरी है, और हमें बताया जाता है कि उन्हें हटाया नहीं जा सकता, जो सच नहीं है। ये नौकरशाह, चाहे वो ट्रेजरी, FBI, CIA या USAID में हों, सालों से शक्ति में बने हुए हैं। ये अनिर्वाचित लोग हमारी सरकार और देश को चला रहे हैं।’
न्यायधीशों ने ट्रंप प्रशासन के कई फैसलों को रोका
बता दें कि ट्रंप प्रशासन ने सरकारी एजेंसियों को खत्म करने और संघीय कार्यबल के बड़े हिस्से को खत्म करने के प्रयास किए हैं। ट्रंप प्रशासन के इन प्रयासों को अदालतों द्वारा रोका गया है। न्यायाधीशों ने राष्ट्रपति ट्रंप के कुछ व्यापक फैसलों को रोक दिया है, जिनमें यूएसएड कर्मचारियों को जबरन छुट्टी पर भेजने, जन्म से नागरिकता को समाप्त करने वाले कार्यकारी आदेश शामिल हैं।
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