Leh Violence Follow-up: लेह हिंसा (Leh Violence) के दौरान पुलिस की गोलीबारी में चार लोगों के मारे जाने के बाद, पुलिस ने शहर भर में छापेमारी कर 50 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है. BJP ने एक कांग्रेस नेता पर आंदोलन को भड़काने का आरोप लगाया था. पुलिस ने उस कांग्रेस नेता के खिलाफ मामला दर्ज किया है. इस हिंसा में कई लोग घायल हुए हैं. लेह स्थित BJP कार्यालय को आग के हवाले कर दिया गया. (Leh Violence Follow-up) भगदड़ के दौरान कई सुरक्षाकर्मी भी घायल हुए.
जो चार लोग मारे गए हैं, उनकी पहचान कर ली गई है. स्कुरबुचन गांव के पूर्व सैनिक त्सावांग थारचिन (46), इगू के स्टैनजिन नामग्याल (24), खारनकलिंग के जिग्मेट दोरजय (25) और हनु के रिनचेन दादुल (21) की मौत हो गई है. सूत्रों के हवाले से बताया है कि 25 सितंबर को मृतकों के शव उनके परिजनों को सौंप दिए गए. नामग्याल के एक पारिवारिक सदस्य ने बताया कि वो लेह में पढ़ाई कर रहा था और अभी-अभी एक ट्रैवल एजेंसी में काम करना शुरू किया था.
रिपोर्ट है कि 24 सितंबर को 50 से ज्यादा घायलों को लेह के एसएनएम अस्पताल में लाया गया था. सूत्रों ने बताया कि मृतकों में से दो अस्पताल लाए जाने तक जीवित थे लेकिन बाद में उनकी मौत हो गई. उनके धड़ और सिर पर कई गोलियां लगी थीं. (Leh Violence Follow-up) लगभग आधा दर्जन घायलों को गोली लगने से गंभीर चोटें आई थीं. कुछ अन्य लोगों के हाथ-पैर टूट गए हैं. ज्यादातर लोगों को छर्रे और डंडों से चोटें आई थीं, और इलाज के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई.
ये भी पढ़ें: Bihar Election 2025: बिहार की बहनों को बड़ी सौगात: मोदी सरकार का 75 लाख महिलाओं को सीधा 10 हजार
Leh Violence Follow-up: केंद्र के निशाने पर सोनम वांगचुक
प्रदर्शनकारी लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और इसे संविधान की छठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहे हैं. इस विरोध प्रदर्शन का चेहरा माने जा रहे क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक पर केंद्र सरकार ने गंभीर आरोप लगाए हैं. (Leh Violence Follow-up) केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि वांगचुक ने अपने भड़काऊ बयानों और नेपाल के Gen Z आंदोलन का जिक्र करके भीड़ को उकसाया. 25 सितंबर को केंद्र ने उनके द्वारा संचालिच एक संगठन का विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (FCRA) लाइसेंस रद्द करने की भी घोषणा की. ये कार्रवाई दो महीने पहले दर्ज किए गए एक मामले में हुई.
सोनम वांगचुक ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज किया है. उन्होंने कहा कि उन्हें ‘बलि का बकरा’ बनाया जा रहा है.
ये भी पढ़ें: पवन सिंह के जाने के बाद राइज एंड फॉल में हुई इस फेमस एक्ट्रेस की एंट्री
केंद्र ने भेजा विशेष दूत
इस बीच केंद्र ने इस स्थिति को सुलझाने के लिए लेह में एक विशेष दूत भी भेजा है. केंद्र से बातचीत के लिए छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल (लेह और कारगिल जिलों से तीन-तीन) 25 सितंबर की शाम को दिल्ली पहुंच गया. लेह एपेक्स बॉडी के अध्यक्ष थुपस्तान छेवांग ने संकेत दिया कि वो वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा,
केंद्र का एक अधिकारी आया है और हमें जो संकेत मिल रहा है वो ये है कि वो तुरंत वार्ता शुरू करने के लिए तैयार हैं.
लेह एपेक्स बॉडी, विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व करने वाले सामाजिक-धार्मिक दलों का एक समूह है. मीडिया से बात करते हुए, छेवांग ने ये भी बताया कि केंद्र से साथ 6 अक्टूबर की बातचीत पहले से ही तय थी, लेकिन हिंसा के कारण कुछ बाधाएं पैदा हो रही हैं.