लोकसभा चुनाव 2024 : राहुल गांधी का फूटा गुस्साने उद्धृत किया कि पीएम मोदी ने नोटबंदी को काला धन वापस लाने के लिए नहीं, बल्कि अरबपतियों के काले धन को सफेद करने के लिए किया था।
लोकसभा चुनाव 2024 : लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान में अब केवल दो दिन शेष हैं। इसके पूर्व, बुधवार को गाजियाबाद लोकसभा सीट के प्रत्याशी के लिए वोट मांगने पहुँचे राहुल गांधी ने एक महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया और भाजपा पर भारी हमला किया।
लोकसभा चुनाव 2024 : गाजियाबाद में आयोजित संयुक्त प्रेस वार्ता में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पेपर लीक, इलेक्टोरल बॉन्ड और नोटबंदी तक पर भाजपा पर कई गंभीर आरोप लगाएं।राहुल गांधी ने व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने नोटबंदी को काले धन वापस लाने के लिए नहीं, बल्कि अरबपतियों के काले धन को सफेद करने के लिए किया था। उन्होंने कहा कि नोटबंदी और गलत जीएसटी लागू करने से भाजपा सरकार ने अडानी और अंबानी जैसे बड़े अरबपतियों को फायदा पहुंचाया है। भाजपा सरकार ने पिछले 10 सालों तक जनता को केवल लूटा है।
लोकसभा चुनाव 2024 : राहुल गांधी ने कहा कि अगर इंडिया गठबंधन की सरकार आती है तो रोजगार को एक बार फिर से मजबूत करेंगे। इसके लिए हमने कांग्रेस के घोषणापत्र में 23 विचार भी दिए हैं। राहुल गांधी ने कहा कि हमारी सरकार उत्तर प्रदेश के सभी स्नातकों और डिप्लोमा धारकों को अप्रेंटिसशिप का अधिकार देगी। जिसके अंतर्गत युवाओं की ट्रेनिंग होगी और उनके बैंक खाते में प्रति वर्ष 1 लाख रुपये जमा होगा। साथ ही राहुल गांधी ने पेपर लीक को लेकर कहा कि हमारी सरकार पेपर लीक के लिए ठोस कानून बनाएगी।
लोकसभा चुनाव 2024 : कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पीएम मोदी के इंटरव्यू पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा, ‘कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री ने एएनआई को एक बहुत लंबा इंटरव्यू दिया था। वह स्क्रिप्टेड था, फिर भी वह फ्लॉप शो था। प्रधानमंत्री ने इस इंटरव्यू में चुनावी बांड को समझाने की कोशिश की थी। प्रधानमंत्री कहते हैं कि चुनावी बांड की व्यवस्था पारदर्शिता के लिए, राजनीति को साफ-सुथरा बनाने के लिए लाया गया। अगर ये सच है तो सुप्रीम कोर्ट ने उस व्यवस्था को क्यों रद्द कर दिया और दूसरी बात अगर आप पारदर्शिता लाना चाहते थे तो आपने भाजपा को पैसा देने वालों के नाम क्यों छुपाए। आपने उन तारीखों को क्यों छुपाया जिस दिन उन्होंने आपको पैसे दिए थे?…”यह दुनिया की सबसे बड़ी जबरन वसूली योजना है। भारत के सभी व्यापारिक व्यक्तित्व इस तथ्य को समझते हैं और जानते हैं, और प्रधानमंत्री चाहे कितनी भी स्पष्टीकरण करें, इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि पूरा देश जानता है कि प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार के चैंपियन हैं।”