Lucknow News: बीएसपी प्रमुख मायावती ने गुरुवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट X पर पोस्ट करते हुए लिखा कि कोल्हापुर, महाराष्ट्र की रियासत में दलितों को नौकरी में आरक्षण देकर सामाजिक क्रांति की शुरुआत करने वाले और भारत में आरक्षण की नींव रखने वाले राजर्षि छत्रपति शाहूजी महाराज की जयंती पर आज देशभर में श्रद्धांजलि दी जा रही है। (Lucknow News) इस अवसर पर उन्हें शत्-शत् नमन व अपार श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए हैं। साथ ही उनके विचारों व आदर्शों को आत्मसात करते हुए उनके समस्त अनुयायियों को हार्दिक शुभकामनाएं भी दी गईं।
Lucknow News: आरक्षण पर हमले के दौर में शाहूजी महाराज की याद और भी प्रासंगिक
मायावती ने लिखा कि वर्तमान समय में, जब जाति आधारित सदियों के उत्पीड़न का शिकार रहे दलितों, आदिवासियों और अन्य पिछड़े वर्गों के संवैधानिक अधिकारों पर चोट की जा रही है, आरक्षण को निष्प्रभावी बनाने की कोशिशें की जा रही हैं। ऐसे समय में राजर्षि शाहूजी महाराज के न्यायपूर्ण शासन और सामाजिक समानता की स्थापना के संकल्प को याद करना और जनमानस में जीवित रखना और भी ज़रूरी हो गया है। (Lucknow News) बहुजन समाज पार्टी की सरकार या बहुजनों के अपने शासक वर्ग की अनुपस्थिति में, समाज को पुनः शोषण व गुलामी की ओर धकेलने की साज़िशें तेज़ हो रही हैं।
बसपा सुप्रीमो मायावती के नेतृत्व में यूपी में बनी बसपा सरकारों ने राजर्षि छत्रपति शाहूजी महाराज के सम्मान में कई ऐतिहासिक कदम उठाए। (Lucknow News) इनमें नए ज़िले, शिक्षण संस्थानों का नामकरण, भव्य स्मारकों और उनकी प्रतिमाओं की स्थापना प्रमुख हैं। विशेष रूप से, लखनऊ में स्थापित ‘राजर्षि छत्रपति शाहूजी महाराज मेडिकल यूनिवर्सिटी’ को तत्परता से शुरू कर जनता को समर्पित किया गया।
मायावती ने सपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी ने दलित विरोधी मानसिकता दिखाते हुए इस यूनिवर्सिटी का नाम जबरन बदलकर ‘किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी’ कर दिया, जबकि इसी नाम से पहले से मेडिकल कॉलेज मौजूद है। (Lucknow News) दुखद यह है कि भाजपा सरकार ने भी सत्ता में आने के इतने वर्षों बाद तक इस घोर अन्यायपूर्ण और जातिवादी फैसले में कोई सुधार नहीं किया है।
असली पहचान की वापसी की अपील
अब समय आ गया है कि ‘राजर्षि छत्रपति शाहूजी महाराज मेडिकल यूनिवर्सिटी’ का असली नाम पुनः बहाल किया जाए, ताकि समाज में समानता, न्याय और सम्मान के मूल्यों को पुनः सशक्त किया जा सके। यह सिर्फ एक नाम की बहाली नहीं, बल्कि एक क्रांतिकारी विरासत का सम्मान है, जिसने भारत में आरक्षण और सामाजिक न्याय की नींव रखी।