Maharashtra Assembly Election: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एनसीपी के नेता शरद पवार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने पवार को संस्थागत भ्रष्टाचार का जनक तक बता डाला है। शरद पवार के खिलाफ में शाह की टिप्पणियों से अजित पवार गुट में काफी नाराजगी दिख रही है। अमित शाह की टिप्पणियों को लेकर अजित पवार ने तो चुप्पी साध रखी है मगर उनकी पार्टी के नेताओं ने इस मुद्दे पर तीखी नाराजगी जताई है। शरद पवार के खिलाफ की गई तीखी टिप्पणियों की वजह से सत्तारूढ़ गठबंधन में आपसी खींचतान बढ़ गई है। अजित पवार के साथी नेताओं का कहना है कि शरद पवार महाराष्ट्र ही नहीं बल्कि देश के वरिष्ठ नेता हैं और उनके खिलाफ की गई इन टिप्पणियों को स्वीकार नहीं किया जा सकता। उनका कहना है कि महाराष्ट्र में ऐसी टिप्पणियों का नकारात्मक असर पड़ सकता है और इस कारण ऐसी टिप्पणियों से बचा जाना चाहिए।
पुणे में भाजपा के अधिवेशन के दौरान अमित शाह ने शरद पवार पर तीखा हमला बोला था। उनका कहना था कि शरद पवार देश में करप्शन के किंगपिन हैं। उन्होंने हमारे देश में भ्रष्टाचार को संस्थागत बना दिया है। जब महाराष्ट्र में भाजपा सत्ता में आती है तो मराठा समुदाय को आरक्षण मिलता है और जब शरद पवार की एमवीए सत्ता में आती है तो मराठा आरक्षण खत्म कर दिया जाता है। अमित शाह की इन टिप्पणियों को लेकर अजित पवार ने तो चुप्पी साथ रखी है मगर उनकी पार्टी के अन्य नेताओं ने इस पर नाराजगी जताई है। अजित पवार ने कहा कि पवार साहब मेरे लिए भगवान की तरह हैं मगर जब उनसे शाह के बयान के संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि मुझे इस संबंध में कुछ भी नहीं कहना है।
दूसरी ओर अजित पवार गुट के अन्य नेताओं ने अमित शाह के बयान को लेकर सख्त नाराजगी जताई है। अजित पवार गुट के नेताओं और विधायकों का कहना है कि शरद पवार देश के वरिष्ठ नेता हैं और उनके खिलाफ इस तरह की टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए। अजित गुटके नेता और पूर्व विधायक विलास लांडे ने तो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले को पत्र तक लिखा है। पिंपरी के विधायक और अजित गुट के वरिष्ठ नेता अन्ना बनसोडे ने कहा कि शरद पवार के खिलाफ इस तरह की टिप्पणी करना गलत है और भविष्य में इस तरह का बयान नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सभी के मन में पवार साहब के लिए अत्यंत सम्मान है। वे एक राष्ट्रीय नेता हैं। पीएम मोदी ने एक बार उन्हें अपना राजनीतिक गुरु कहा था। उन्होंने पवार के संबंध में शाह के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
लांडे ने कहा कि ऐसी टिप्पणी करना उचित नहीं है क्योंकि शरद पवार पिछले 60 वर्षों से राष्ट्रीय राजनीति में हैं और उन पर भ्रष्टाचार का एक भी दाग नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान पवार के लिए भटकती आत्मा शब्द का इस्तेमाल करने के बाद बीजेपी को इसकी कीमत चुकानी पड़ी। लांडे ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा कि शरद पवार के खिलाफ जो बयानबाजी की जा रही है,वह महाराष्ट्र की जनता को ठेस पहुंचा रही है। शरद पवार के खिलाफ की जा रही ऐसी टिप्पणियों को तत्काल बंद किया जाना चाहिए। अगर शरद पवार के खिलाफ इस तरह की बयानबाजी जारी रही तो आगामी विधानसभा चुनाव में हमें इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।
शरद पवार की बेटी और सांसद सुप्रिया सुले ने भी शाह के बयान पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि यह वही बीजेपी सरकार है जिसने 2017 में शरद पवार को पद्म विभूषण से सम्मानित किया था। एनसीपी (शरद पवार) के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने कहा कि बीजेपी ने भ्रष्टाचार को वैध बना दिया है। पहले वे भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हैं, फिर उनके दल में शामिल होते ही भ्रष्टाचारियों को क्लीन चिट मिल जाती है। शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने कहा कि भाजपा केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करके दागी नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कर रही है और फिर दूसरे नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रही है। शरद पवार के खिलाफ ऐसी बयानबाजी स्वीकार नहीं की जा सकती।