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खरवनिया यज्ञ के बाद मिथिलेश पाठक की पहचान बढ़ी, समाजसेवा में नई ऊंचाइयाँ

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बक्सर, बिहार: जनता के मन का बहुत मायने रखने वाले, समाजसेवा में अपने आदर्शों के साथ प्रेरित एक महान व्यक्तित्व – यही है मिथिलेश पाठक। बक्सर जिले के इस समाजसेवी की पहचान में खरवनिया यज्ञ का बड़ा योगदान है, जिसमें उन्होंने संघटन में नेतृत्व किया। श्री लक्ष्मीप्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज के सानिध्य में हुआ था यह यज्ञ, जिसमें उन्होंने समाजसेवा के सिद्धांतों की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

यज्ञ के आयोजन के लिए खरवनिया गांव में विशाल मंडप और कुंड बनाए गए हैं। एक तरफ जहां संतों के लिए अलग-अलग कुटियाएँ तैयार की गई हैं, वहीं दूसरी ओर महायज्ञ की यज्ञशालाओं में हवन की पूर्णाहुति के लिए यजमान बैठेंगे। इस यज्ञ ने समाज में एक महान संदेश दिया है कि सेवा और आदर्शों के माध्यम से ही समाज में सुधार संभव है।

मिथिलेश पाठक: लोकसभा चुनाव की उम्मीदों में आगे बढ़ते

मिथिलेश पाठक ने यज्ञ के आयोजन के साथ ही लोकसभा चुनाव के प्रति भी उनके समर्थन में जनता की उम्मीद बढ़ा दी है। उन्होंने यज्ञ के दौरान दर्शाया कि समाजसेवा और सामाजिक परिवर्तन के लिए उनकी प्रतिबद्धता दृढ़ है और वे आगामी चुनाव में भी भाग लेने के लिए तैयार हैं। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि उनकी प्राथमिकता जनता की जरूरतों की पूरी करने में है और अगर जनता चाहे तो वे चुनाव में भी भाग लेने के लिए तैयार हैं।

समाजसेवा के अद्वितीय उदाहरण

मिथिलेश पाठक की पहचान समाजसेवा में उनके अद्वितीय योगदान के साथ जुड़ी है। उन्होंने खरवनिया यज्ञ के साथ ही समाज में सामाजिक सुधार की दिशा में अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण का प्रमाण दिया है। उनके प्रेरणास्त्रोत संत श्री त्रिदंडी स्वामीजी महाराज ने भी उनके समर्थन में अपना समर्थन दिया है, जिससे उनके प्रयासों को और भी महत्वपूर्णता मिली है।

मिथिलेश पाठक के समर्थन में जनता की उम्मीद और उनके समाजसेवा में योगदान की दिशा में उनकी प्रतिबद्धता ने एक नए संभावनाओं की दिशा में राह दिखाई है। उनके योगदान से समाज में सुधार और सामाजिक परिवर्तन की दिशा में एक नई उम्मीद की किरण छाई है

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