Mukhtar Ansari Death : पूर्वांचल के बड़े माफिया और बाहुबली मुख्तार अंसारी का निधन गुरुवार (28 मार्च) को बांदा के एक अस्पताल में हो गया। बांदा जेल में हार्ट अटैक आने के बाद मुख्तार को आनन-फानन मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों के लाख प्रयास के बावजूद मुख़्तार को बचाया नहीं जा सका। बांदा मेडिकल कॉलेज ने माफिया डॉन की मौत की पुष्टि कर दी है। वहीं, मुख्तार अंसारी की मौत सियासत तेज हो गई है। राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया आने लगी है। समाजवादी पार्टी ने ट्वीट कर मुख्तार अंसारी के निधन पर श्रद्धांजली दी।
समाजवादी पार्टी ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, ‘पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की निधन दुखद है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें। शोकाकुल परिवार को यह असीम दुख सहने का संबल प्राप्त हो।’
वहीं, मुख्तार की मौत से जुड़े एक अन्य पोस्ट में सपा ने इसे साजिश करार दिया। अगले पोस्ट में मुख़्तार अंसारी की मौत से जुड़े मेडिकल बुलेटिन को शामिल करते हुए सपा लिखती है, ‘मुख़्तार अंसारी की जेल में मौत, उनके समर्थक मौत को संदिग्ध बता रहे हैं। कुछ भी हो चुनाव के समय ऐसी खबर आना संदेह तो पैदा करता ही है। निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।’इसके साथ ही कहा- इनको सत्ता में बने रहने का कोई हक नहीं है।
वहीं, इंडिया गठबंधन की प्रमुख पार्टी कांग्रेस ने भी मुख्तार अंसारी की मौत की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। बिहार से कांग्रेस नेता पप्पू यादव ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस से स्वतः संज्ञान लेने की भी अपील की और जांच की मांग की है।
Mukhtar Ansari Death : पप्पू यादव- यह सांस्थानिक हत्या कांग्रेस नेता पप्पू यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी जी की सांस्थानिक हत्या। कानून, संविधान, नैसर्गिक न्याय को दफन कर देने जैसा है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इसका स्वतः संज्ञान लें। उनके दिशा-निर्देश में निष्पक्ष जांच हो। कई दिन से वह आरोप लगा रहे थे कि उन्हें धीमा जहर दिया जा रहा है। उनके सांसद भाई ने भी यह आरोप लगाया था। देश की संवैधानिक व्यवस्था के लिए अमिट कलंक।’
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के विधायक और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने लिखा, ‘यूपी से पूर्व विधायक श्री मुख्तार अंसारी के इंतकाल का दुखद समाचार मिला। परवरदिगार से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को शांति तथा शोकाकुल परिजनों को दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें। कुछ दिन पूर्व उन्होंने शिकायत की थी कि उन्हें जेल में जहर दिया गया है फिर भी गंभीरता से नहीं लिया गया। प्रथम दृष्टया ये न्यायोचित और मानवीय नहीं लगता। संवैधानिक संस्थाओं को ऐसे विचित्र मामलों व घटनाओं पर स्वत: संज्ञान लेना चाहिए।