Narendra Modi: अमेरिका में आने वाले दो महीने में राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं. इस चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने अपनी अपनी तैयारी तेज कर दी है. इसी बीच भारत के प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका दौरा करने वाले हैं. वह 21 अगस्त से तीन दिनों तक वहां रहने वाले हैं. इस दौरान उनकी मुलाकात अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से भी होगी भी होगी. पीएम मोदी के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की संभावना भी है.
ऐसे में इस रिपोर्ट में विस्तार से जानते हैं कि अमेरिकी में चुनावी माहौल के बीच पीएम मोदी का भारत दौरा कितना अहम है.
Narendra Modi: अमेरिका क्यों जा रहे हैं पीएम
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 से 23 सितंबर तक अमेरिकी दौरे पर रहेंगे. इस दौरान वह क्वाड लीडर्स समिट में शामिल होंगे. (Narendra Modi) इसके अलावा पीएम मोदी कई बड़े आयोजनों में भी हिस्सा लेंगे. पीएम 21 सितंबर को डेलावेयर के विलिंगटन में चौथे क्वाड लीडर्स समिट में शिरकत करेंगे. इसके एक दिन बाद यानी 22 सितंबर को वह न्यूजर्सी में भारतीय समुदाय से जुड़े कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. (Narendra Modi) पीएम मोदी अपने दौरे के आखिरी दिन यानी 23 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ द फ्यूचर’ में भी हिस्सा लेंगे.
ऐसे में चुनावों से पहले शीर्ष नेताओं के बीच सीधी बातचीत से द्विपक्षीय संबंधों को एक मजबूत आधार मिलता है. जब पीएम मोदी बाइडन और ट्रंप से मिलेंगे, तो यह संदेश जाएगा कि भारत अमेरिका के साथ एक निरंतर और स्थायी संबंध बनाए रखना चाहता है, चाहे सत्ता में कोई भी है. (Narendra Modi) यह बातचीत आपसी विश्वास और सहयोग को बढ़ाएगी, जिससे भविष्य में राजनीतिक अस्थिरता के बावजूद संबंधों में निरंतरता बनी रहेगी.
आलोक मिश्र आगे कहते हैं कि भारत के लिए यह महत्वपूर्ण है कि उसके राष्ट्रीय हितों को किसी भी नए प्रशासन द्वारा समझा और माना जाए. पीएम मोदी की इन बैठकों में भारत की प्राथमिकताओं—जैसे रक्षा सहयोग, व्यापार, जलवायु परिवर्तन, और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई—पर स्पष्टता से चर्चा होगी. इससे नए प्रशासन को भारत के दृष्टिकोण को समझने का अवसर मिलेगा और आवश्यक नीति निर्माण में इसे ध्यान में रखा जाएगा.
इसके अलावा चुनावों के पहले ऐसे महत्वपूर्ण कूटनीतिक संवाद से भारत की आवाज़ को वैश्विक स्तर पर और अधिक मजबूती मिलेगी. जब पीएम मोदी सीधे अमेरिका के नेताओं से मिलेंगे, तो यह एक अवसर होगा भारत की स्थिति, चिंताओं, और आवश्यकताओं को सीधे संवाद के माध्यम से रखने का. (Narendra Modi) इससे यह सुनिश्चित होगा कि भारत को वैश्विक मंचों पर उचित प्रतिनिधित्व मिले. वहीं इस प्रकार की मुलाकातें अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के सहयोग और रणनीतिक संबंधों को भी प्रगाढ़ करेंगी. (Narendra Modi) यह विश्व मामलों में भारत की भूमिका को और मजबूत करेगा और भारत को एक प्रमुख वैश्विक खिलाड़ी के रूप में स्थापित करेगा.
वैश्विक मुद्दों पर सहयोग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस तीन दिवसीय दौरे का मुख्य मकसद जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य और आतंकवाद जैसे वैश्विक मुद्दों पर सहयोग बढ़ाना है. भारत ने इन मुद्दों पर वैश्विक मंच पर अपनी आवाज़ को प्रमुखता से उठाया है और यह दौरा इस दिशा में एक महत्वपूर्ण अवसर हो सकता है. इसके अलावा इस दौरे के दौरान आर्थिक समझौतों पर चर्चा होने की संभावना है, जो भारत और अमेरिका के व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करेगा. निवेश, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, और व्यापार संबंधी मुद्दों पर बातचीत से भारत की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकती है.
क्या है क्वाड समिट
क्वाड समिट एक महत्वपूर्ण बहुपक्षीय फोरम है, जिसमें चार देशों, भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान का सहयोग होता है. इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य इंडो पैसिफिक क्षेत्र में सुरक्षा, आर्थिक विकास, और सामरिक स्थिरता को बढ़ावा देना है. क्वाड की शुरुआत क्षेत्रीय सुरक्षा, आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन, और आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित करने के लिए किया गया है. (Narendra Modi) सदस्य देश इन मुद्दों पर सामूहिक रूप से विचार-विमर्श करते हैं और रणनीतियां विकसित करते हैं.
क्वाड का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा को मजबूत करना है, विशेषकर दक्षिण चीन सागर और हिंद महासागर में. सदस्य देश अपने सैन्य सहयोग को बढ़ाने और साझा सुरक्षा चिंताओं पर चर्चा करने के लिए मिलते हैं. क्वाड सदस्य देश आर्थिक विकास और निवेश के अवसरों पर भी ध्यान केंद्रित करते हैं. यह फोरम व्यापार सहयोग को बढ़ावा देने, नई तकनीक साझा करने, और आपसी बाजारों को सुदृढ़ करने की दिशा में कार्य करता है.
इसके अलावा क्वाड समिट में स्वास्थ्य, शिक्षा, और मानवता के अन्य मुद्दों पर भी चर्चा होती है. कोविड-19 महामारी के बाद, स्वास्थ्य सुरक्षा और वैक्सीनेशन पर सहयोग को प्राथमिकता दी गई है. क्वाड का एक अन्य महत्वपूर्ण एजेंडा जलवायु परिवर्तन से संबंधित मुद्दों पर सहयोग करना है. सदस्य देश सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में मिलकर कार्य करते हैं.
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव कब है
अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव मंगलवार यानी 5 नवंबर 2024 को होने वाला है. इस चुनाव में जीतने वाला उम्मीदवार व्हाइट हाउस में अगले चार सालों का कार्यकाल पूरा करेगा. (Narendra Modi) यह कार्यकाल जनवरी 2025 से शुरू होगा.
इस बार के चुनाव में कौन से उम्मीदवार हैं
अमेरिका के दो प्रमुख राजनीतिक दल अपने-अपने उम्मीदवार नामांकित करते हैं. इन उम्मीदवारों के नाम के लिए उनकी पार्टियां स्टेट प्राइमरी और कॉकस का आयोजन करता हैं, जिनमें लोग उन नेताओं को चुनते हैं जो आम चुनाव में उनकी पार्टी का नेतृत्व करें.
इस बार रिपब्लिकन पार्टी में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने प्रतिद्वंद्वियों पर भारी बढ़त के साथ अपनी पार्टी का समर्थन हासिल किया. हालांकि वर्तमान में राष्ट्रपति का पद संभाल रहे जो बाइडन के पीछे हटने के बाद डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ रही हैं. (Narendra Modi) बाइडन के बाहर होने के बाद किसी अन्य डेमोक्रेट ने कमला हैरिस की उम्मीदवारी को चुनौती नहीं दी.