Pakistan Asim Munir: भारत ने गुरुवार को पाकिस्तान के नेतृत्व द्वारा दिए गए शत्रुतापूर्ण बयानों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और चेतावनी दी कि किसी भी प्रकार के दुस्साहस के गंभीर परिणाम होंगे। विदेश मंत्रालय ने इन टिप्पणियों को पाकिस्तान द्वारा अपनी विफलताओं से ध्यान हटाने और भारत विरोधी बयानबाजी को बढ़ावा देने की एक जानी-मानी कार्यप्रणाली का हिस्सा बताया। (Pakistan Asim Munir) विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पाकिस्तान द्वारा भारत के खिलाफ लगातार युद्धोन्मादी और घृणास्पद टिप्पणियों का एक पैटर्न सामने आया है। उन्होंने पाकिस्तान को सलाह दी कि वह अपनी बयानबाजी में संयम बरते क्योंकि किसी भी दुस्साहस के दर्दनाक परिणाम होंगे जैसा कि हाल ही में देखा गया।
विदेश मंत्रालय की यह टिप्पणी पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय द्वारा मुनीर के उस बयान का बचाव करने के बाद आई है जो उन्होंने अपनी अमेरिकी यात्रा के दौरान दिया था। (Pakistan Asim Munir) मुनीर ने कथित तौर पर चेतावनी दी थी कि अगर भारत से अस्तित्वगत ख़तरा पैदा हुआ तो इस्लामाबाद आधी दुनिया को तबाह कर देगा। भारत ने इन टिप्पणियों की निंदा करते हुए इन्हें परमाणु हथियार लहराने वाला बताया और इन्हें बेहद गैर-ज़िम्मेदाराना और क्षेत्रीय व वैश्विक सुरक्षा के लिए ख़तरा बताया।
भारत ने चिंता जताते हुये कहा कि इस तरह के खतरे आतंकवादी समूहों से मिलीभगत वाले सैन्य प्रतिष्ठान से आ रहे हैं। जिससे पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा पर संदेह पैदा होता है। इसके साथ ही भारत ने मुनीर की तीसरे देश की धरती पर ऐसी टिप्पणी करने के लिए आलोचना की।
यह तीखी प्रतिक्रिया पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा मंगलवार को दी गई चेतावनी के बाद आई है कि भारत को उनके देश के पानी की एक बूंद भी नहीं लेने दी जाएगी। (Pakistan Asim Munir) यह चेतावनी पहलगाम आतंकी हमले के एक दिन बाद 23 अप्रैल को नई दिल्ली द्वारा 1960 की सिंधु जल संधि को स्थगित करने के फैसले के बाद उपजे तनाव के बीच आई है जिसमें 26 लोग मारे गए थे।
शरीफ ने इस्लामाबाद में एक समारोह में कहा, अगर आप हमारा पानी रोकने की धमकी देते हैं, तो आप पाकिस्तान का एक बूंद भी नहीं छीन सकते। (Pakistan Asim Munir) उन्होंने आगे कहा कि अगर भारत ने ऐसा करने की कोशिश की तो उसे सबक सिखाया जाएगा। पाकिस्तान ने बार-बार दावा किया है कि जल प्रवाह को रोकना युद्ध की कार्रवाई मानी जाएगी।
उनकी टिप्पणी पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी की टिप्पणियों से मेल खाती है, जिन्होंने पहले सिंधु जल संधि के निलंबन की तुलना सिंधु घाटी सभ्यता पर हमले से की थी और चेतावनी दी थी कि अगर युद्ध के लिए मजबूर किया गया तो पाकिस्तान पीछे नहीं हटेगा।