Parliament one nation one election meeting started: क्या भारत की राजनीति अब नया मोड़ लेने वाली है? क्या अब हर साल चुनावी बिगुल की जगह सिर्फ एक बार बजेगा सत्ता का शंख? ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का वो सपना, जो अब तक सिर्फ भाषणों और घोषणाओं तक सीमित था, अब संसद के गलियारों में असलियत की शक्ल लेने लगा है। (Parliament one nation one election meeting started) संविधान (एक सौ उनतीसवां संशोधन) विधेयक, 2024 और केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 को लेकर संसद भवन एनेक्सी में एक अहम बैठक शुरू हो चुकी है — और ये कोई मामूली बैठक नहीं है।
Parliament one nation one election meeting started: जब पूर्व CJI ने थामा मोर्चा, संसद में मचा हड़कंप
इस बार चर्चा की बागडोर किसी नेता या मंत्री के हाथ में नहीं, बल्कि देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीशों के हाथ में है। न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जगदीश सिंह खेहर अब सीधे इस संवेदनशील मुद्दे पर समिति के सामने अपना पक्ष रख रहे हैं। यानी अब यह बहस सिर्फ राजनीतिक नहीं रही, इसमें संवैधानिक, न्यायिक और तकनीकी दृष्टिकोण भी पूरी ताकत से शामिल हो चुका है। (Parliament one nation one election meeting started) संसद की संयुक्त समिति में इन दोनों पूर्व न्यायमूर्तियों की मौजूदगी ने चर्चा को बेहद गंभीर और गरम बना दिया है। सवाल उठने लगे हैं, क्या अब संविधान की बुनियादी संरचना में बड़ा बदलाव होने जा रहा है? क्या ये लोकतंत्र को स्थिरता देगा या विरोध को चुप करने की एक नई तरकीब बनेगा?
‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के पीछे क्या है असली एजेंडा?
सरकार का दावा है कि इससे खर्च कम होगा, चुनावी शोर थमेगा और विकास की रफ्तार बढ़ेगी। लेकिन विपक्ष और कई विशेषज्ञ इसे लोकतंत्र की विविधता को खत्म करने वाला कदम मान रहे हैं। (Parliament one nation one election meeting started) अब जबकि भारत के सर्वोच्च न्यायिक दिमाग भी इस मामले में बोलने लगे हैं, तो सवालों की संख्या और गंभीरता दोनों बढ़ गई हैं।
क्या ये फैसला जनता के हित में है
अब सबकी निगाहें इस संयुक्त समिति की रिपोर्ट और सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं। (Parliament one nation one election meeting started) क्योंकि अगर ये विधेयक पारित हो गया, तो भारत की राजनीति की दिशा और दशा दोनों ही हमेशा के लिए बदल सकती हैं।