Parliament Session 2024: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज, 27 जून 2024 को संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित किय। आम चुनाव के बाद केंद्र में तीसरी बार भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के गठन के बाद उनका पहला भाषण था। इस अभिभाषण में राष्ट्रपति मुर्मू बीते 10 वर्षों में मोदी सरकार की नीतियों का उल्लेख कर रही हैं। इसमें अर्थव्यवस्था, रक्षा, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और सामाजिक कल्याण जैसे विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धियों शामिल हैं। संसद में अभिभाषण में राष्ट्रपति ने कहा कि आसाधारण उपलब्धियां इस बात का प्रमाण है कि आने वाला दौर भारत का दौर है। यह सदी भारत की सदी है, जिसका प्रभाव 1 हजार वर्षों तक दिखाई देगा। राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद संसद के दोनों सदनों में धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया जाएगा। इसके बाद सांसद पर चर्चा का दौर शुरू होगा। बात दें कि 18वीं लोकसभा का पहला सत्र बीते सोमवार, 24 जून से शुरू हुआ है जो कि 3 जुलाई तक चलेगा। सत्र के पहले और दूसरे दिन नए सांसदों की शपथ ग्रहण का कार्यक्रम चला। तीसरे दिन यानी बुधवार को सदन में लोकसभा स्पीकर का चुनान पूर्ण हुआ और आज, गुरुवार को चौथे दिन की कार्यवाही में सदन में राष्ट्रपति का अभिभाषण हुआ। आज से राज्यसभा सत्र भी शुरू हो गया है।
इससे पहले बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सदन में प्रस्ताव पेश करने के बाद एनडीए उम्मीदवार ओम बिड़ला को लगातार दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष चुना गया। बिड़ला ने विपक्ष के उम्मीदवार, आठ बार के कांग्रेस सांसद कोडिक्कुनिल सुरेश को ध्वनि मत से हराया। चुनाव के बाद, बिड़ला को पीएम मोदी, विपक्ष के नेता राहुल गांधी और एनडीए और विपक्ष दोनों के विभिन्न नेताओं से बधाई मिली। 1952, 1967 और 1976 के बाद, यह चौथी बार था जब अध्यक्ष को चुनाव के माध्यम से चुना गया था। इस अवसर पर बोलते हुए, बिरला ने आग्रह किया कि 18वीं लोकसभा के लिए एक नई दृष्टि और संकल्प होना चाहिए। उन्होंने 18वीं लोकसभा को रचनात्मक सोच और नए विचारों का केंद्र बनाने का आह्वान किया, जो उच्च स्तर की संसदीय परंपराओं और गरिमा को स्थापित करेगी और कहा कि सदन का उद्देश्य विकसित भारत के संकल्प को पूरा करना होना चाहिए। इसके अलावा, 26 जून, 1975 को आपातकाल लगाए जाने की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर, स्पीकर ने उन सभी लोगों की ताकत और दृढ़ संकल्प की प्रशंसा की, जिन्होंने आपातकाल का कड़ा विरोध किया, लड़ाई लड़ी और भारत के लोकतंत्र की रक्षा की।