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PM-eBus Sewa: पीएम ई-बस योजना को लेकर राज्यों से क्यों नाखुश हुआ केंद्र? कारण बताने का दिया निर्देश

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PM-eBus Sewa: पीएम ई-बस सेवा के लिए बसों और बस डिपो के संदर्भ में केंद्रीय संचालन समिति की मंजूरी के बाद भी शहरों की ओर से प्रस्ताव बार-बार बदलने पर केंद्र सरकार ने अप्रसन्नता जाहिर की है।

संचालन समिति की हाल में हुई बैठक में आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव ने निर्देश दिया है कि अगली बैठक में सभी संशोधित प्रस्ताव एक साथ प्रस्तुत किए जाएं और बदलाव क्यों किए जा रहे हैं, इसका कारण भी बताया जाए। पिछली बैठक में चार राज्यों-बिहार, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश के 11 शहरों के बस डिपो के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी गई।

PM-eBus Sewa: 169 शहरों में चलाई जानी हैं बसें

छत्तीसगढ़ में रायपुर, बिलासपुर, कोरबा, बिहार में गया, पूर्णिया, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, पटना, मध्य प्रदेश में इंदौर और राजस्थान में अजमेर तथा भीलवाड़ा में बस डिपो की स्थापना के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। (PM-eBus Sewa) पीएम ई-बस सेवा योजना के तहत दूसरी और तीसरी श्रेणी के 169 शहरों में दस हजार ई-बसें चलाई जानी हैं।

इसके लिए केंद्र सरकार बसों की खरीद तथा बस डिपो बनाने के लिए राज्यों को बीस हजार करोड़ रुपये की सहायता दे रही है। (PM-eBus Sewa) अधिकारियों के अनुसार अब तक 900 करोड़ से अधिक के खर्च को मंजूरी दी जा चुकी है, लेकिन कई जगह टेंडर दोबारा करने के कारण बसों की खरीद के प्रस्तावों पर आगे बढ़ाने में देरी हो रही है।

टेंडर दोबारा इसलिए करने की नौबत आई है, क्योंकि बसों के आकार को लेकर शहरों के स्तर पर पहले सुविचारित निर्णय नहीं लिया गया। पिछली बैठक में महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा और लद्दाख के 11 शहरों ने बसों की मांग में परिवर्तन किया था। हरियाणा के हिसार, यमुनानगर, करनाल, पानीपत और रोहतक ने पहले 12 मीटर की बसों की खरीद की इच्छा जताई थी, लेकिन बाद में उन्होंने नौ मीटर की बसों को तरजीह दी।

मंत्रालय ने जताई नाराजगी

शहरों और राज्यों की इसी प्रवृत्ति पर मंत्रालय ने नाराजगी जताई है और यह अपेक्षा की है कि राज्य एक बार संशोधन के प्रस्तावों पर संचालन समिति की मंजूरी मिल जाने के बाद उसमें बदलाव न करें। अधिकारियों ने बताया कि यह अच्छी बात है कि राज्य इस योजना को लेकर उत्साह दिखा रहे हैं, इसीलिए उनकी ओर से अतिरिक्त बसों की मांग भी आ रही है। पिछली बैठक में ही महाराष्ट्र के दो शहरों-परभनी और मालेगांव की ओर से 66 अतिरिक्त बसों की मांग को मान लिया गया।

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