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PM Modi-UK PM meeting: PM मोदी और ब्रिटैन पीएम की ऐतिहासिक मुलाकात, भारत में 9 ब्रिटिश यूनिवर्सिटी खोलने का बड़ा ऐलान

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PM Modi-UK PM meeting: वैश्विक अर्थव्यवस्था में अमेरिकी टैरिफ नीतियों के कारण आई अस्थिरता और अनिश्चितता के माहौल के बीच, भारत और ब्रिटेन अपनी साझेदारी को नई ऊँचाई पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध दिख रहे हैं। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री सर किएर स्टार्मर अपने पद पर आने के बाद पहली बार भारत दौरे पर हैं, और उनकी इस यात्रा ने दोनों देशों के बीच मजबूत आर्थिक और शैक्षणिक सहयोग की उम्मीदों को बढ़ा दिया है। (PM Modi-UK PM meeting) गुरुवार को मुंबई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के बीच हुई महत्वपूर्ण मुलाकात में एक बड़ी और ऐतिहासिक घोषणा हुई है। पीएम मोदी ने बताया कि 9 यूके के विश्वविद्यालय अब भारत में अपने कैंपस खोलेंगे। (PM Modi-UK PM meeting) यह घोषणा भारतीय छात्रों के लिए उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नए और बेहतर अवसरों का द्वार खोलती है, साथ ही दोनों देशों के बीच ज्ञान के आदान-प्रदान को भी मजबूत करेगी।

PM Modi-UK PM meeting: शिक्षा में ऐतिहासिक छलांग: 9 ब्रिटिश यूनिवर्सिटी का आगमन

प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटिश पीएम स्टार्मर के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद यह खुशखबरी साझा की। यह फैसला भारत और यूके के बीच शिक्षा और सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक मील का पत्थर माना जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नौ ब्रिटिश विश्वविद्यालय भारत में अपनी शाखाएँ स्थापित करेंगे। (PM Modi-UK PM meeting) यह कदम भारतीय छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने की बजाय देश के भीतर ही विश्व स्तरीय शिक्षा प्राप्त करने का अवसर देगा। यह पहल दोनों देशों के बीच ‘विजन 2035 रोडमैप’ के तहत व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के उद्देश्य को दर्शाती है, जहाँ ज्ञान अर्थव्यवस्था और तकनीकी सहयोग पर खास जोर दिया गया है।

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रणनीतिक मुलाकात: ‘विजन 2035’ रोडमैप पर फोकस

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर से मुलाकात की। मोदी ने कहा कि पीएम स्टार्मर के नेतृत्व में भारत और ब्रिटेन के संबंधों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। पीएम मोदी ने जुलाई में हुई अपनी ब्रिटेन यात्रा का जिक्र करते हुए कहा, “इस साल जुलाई में, मेरी ब्रिटेन यात्रा के दौरान, हमने ऐतिहासिक व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (CETA) पर हस्ताक्षर किए थे।” दोनों नेताओं के बीच मुख्य रूप से विजन 2035 रोडमैप के तहत भारत-ब्रिटेन व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने पर चर्चा हुई। वार्ता में व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी, रक्षा, जलवायु और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग को आगे बढ़ाने पर सहमति बनने की उम्मीद है। ?(PM Modi-UK PM meeting) पीएम मोदी और स्टार्मर इस दौरान सीईओ फोरम समेत ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025 में भी भाग लेंगे, जो दोनों देशों के व्यापारिक और वित्तीय सहयोग को नया बल देगा।

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व्यापार और अर्थव्यवस्था: टैरिफ हटने का रास्ता साफ

द्विपक्षीय वार्ता का एक प्रमुख फोकस भारत-ब्रिटेन व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (CETA) द्वारा प्रस्तुत अवसरों पर रहा, जिसे मुक्त व्यापार समझौता (FTA) के रूप में भी जाना जाता है। उम्मीद है कि ब्रिटेन की संसद द्वारा अनुमोदित होने के बाद, यह समझौता 90 प्रतिशत से अधिक वस्तुओं पर टैरिफ हटा देगा, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार तेज और सस्ता हो जाएगा। स्टार्मर और मोदी दोनों ने मुंबई में ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में मुख्य भाषण दिया। (PM Modi-UK PM meeting) पिछले वर्ष संपन्न हुई भारत-यूके प्रौद्योगिकी सुरक्षा पहल (TSI) पर भी बातचीत हुई। इस पहल का उद्देश्य दूरसंचार, एआई, क्वांटम कंप्यूटिंग, जैव प्रौद्योगिकी और महत्वपूर्ण खनिजों जैसी महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाना है।

PM स्टार्मर का बड़ा दावा: भारत बनेगा तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

भारत की आर्थिक संभावनाओं को लेकर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने भारत की आर्थिक शक्ति को स्वीकार किया और कहा, “भारत 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है और उसके साथ व्यापार तेज और सस्ता होने वाला है। (PM Modi-UK PM meeting) ऐसे में अवसरों का कोई मुकाबला नहीं है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि जुलाई में किया गया व्यापार समझौता किसी भी देश द्वारा सबसे सुरक्षित है, लेकिन “कहानी यहीं खत्म नहीं होती। यह सिर्फ एक कागज का टुकड़ा नहीं; यह विकास का एक लॉन्चपैड है।”

वीजा पर सख्ती, कारोबार को प्राथमिकता

भारत की यात्रा शुरू करने से पहले, पीएम स्टार्मर ने वीजा समझौते से जुड़े किसी भी तरह के बदलाव से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, “यह योजना का हिस्सा नहीं है। (PM Modi-UK PM meeting) यह यात्रा उस मुक्त व्यापार समझौते का लाभ उठाने के लिए है, जिस पर हम पहले ही हस्ताक्षर कर चुके हैं।” उन्होंने स्पष्ट किया कि वीजा मुद्दा नहीं है, और ब्रिटेन की आव्रजन नीतियाँ सख्त रहेंगी।

पीएम स्टार्मर ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में भी कारोबार पर जोर दिया। (PM Modi-UK PM meeting) उन्होंने लिखा कि वह मुंबई में ब्रिटिश व्यवसाय का झंडा फहरा रहे हैं, क्योंकि भारत में ब्रिटिश व्यवसायों की वृद्धि का मतलब है कि स्वदेश में लोगों के लिए अधिक नौकरियाँ। यह यात्रा, उच्च शिक्षा में सहयोग की घोषणा और मजबूत व्यापारिक साझेदारी पर जोर के साथ, यह साबित करती है कि वैश्विक अस्थिरता के बीच भी भारत और ब्रिटेन एक-दूसरे के लिए एक विश्वसनीय और दीर्घकालिक साझेदार बने हुए हैं।

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