President Droupadi Murmu: भारत के सैन्य इतिहास में बुधवार का दिन स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गया, जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हरियाणा के अंबाला एयरफोर्स स्टेशन से राफेल फाइटर जेट में उड़ान भरकर इतिहास रच दिया। यह सिर्फ एक उड़ान नहीं, बल्कि वह क्षण था जिसने पूरी दुनिया को संदेश दिया कि भारत की कमान आज ऐसे हाथों में है जो साहस, आत्मनिर्भरता और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक हैं। (President Droupadi Murmu))तेज रफ्तार, गर्जना करती ध्वनि और आसमान को चीरती रफ्तार के बीच जब राष्ट्रपति मुर्मू का राफेल जेट हवा में उड़ा, तो यह सिर्फ हवा में एक मशीन की उड़ान नहीं थी, बल्कि भारत की ताकत और आत्मविश्वास की उड़ान थी।
President Droupadi Murmu: राष्ट्रपति का साहस और भारत का गौरव
राफेल जेट में राष्ट्रपति मुर्मू की यह उड़ान एक ऐसी तस्वीर बनकर सामने आई जिसने हर भारतवासी के हृदय में गर्व की ज्वाला प्रज्वलित कर दी। एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह और वायु सेना के शीर्ष अधिकारियों की मौजूदगी में हुई यह उड़ान यह साबित करती है कि आज भारत सिर्फ कूटनीतिक मोर्चे पर ही नहीं, बल्कि सैन्य शक्ति में भी नए शिखरों को छू रहा है। (President Droupadi Murmu) राष्ट्रपति मुर्मू की शांत मुस्कान के पीछे छिपा आत्मविश्वास इस बात का संकेत था कि भारत अब किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है। राफेल की कॉकपिट से जब राष्ट्रपति ने चारों ओर नज़र दौड़ाई, तो वह सिर्फ आसमान नहीं देख रहीं थीं, बल्कि भारत की सीमाओं पर बनी सुरक्षा दीवार को और मजबूत होते हुए महसूस कर रही थीं।
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राफेल: भारत की आकाशीय ढाल
फ्रांस की डसॉल्ट कंपनी द्वारा निर्मित राफेल को सितंबर 2020 में अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। (President Droupadi Murmu) इसे 17 स्क्वाड्रन “गोल्डन एरोज़” में तैनात किया गया, जो अब भारत की रणनीतिक शक्ति की रीढ़ बन चुका है। यह जेट एक मोबाइल एयरबेस की तरह काम करता है, जो दुश्मन को आसमान से ही घातक जवाब देने की क्षमता रखता है। राफेल में लगी मिसाइलें, अत्याधुनिक रडार और दुनिया की सबसे उन्नत एवियोनिक्स तकनीक इसे भारत का सबसे घातक हथियार बना देती है। आज जब दुनिया बदलते भू-राजनीतिक समीकरणों के दौर से गुजर रही है, राफेल की यह उड़ान भारत की उस ताकत को दर्शाती है जिसे कोई नज़रअंदाज़ नहीं कर सकता।
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ऐतिहासिक सफर की नई ऊंचाई
यह दूसरा अवसर था जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने फाइटर विमान में उड़ान भरी। इससे पहले अप्रैल 2023 में उन्होंने असम के तेजपुर एयरबेस से सुखोई-30 एमकेआई में उड़ान भरकर विश्व पटल पर भारतीय नेतृत्व की नई छवि पेश की थी। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और प्रतिभा पाटिल के बाद वह फाइटर जेट में उड़ान भरने वाली तीसरी राष्ट्रपति और दूसरी महिला राष्ट्राध्यक्ष हैं। (President Droupadi Murmu) उनकी यह उपलब्धि केवल एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि भारतीय महिलाओं की शक्ति, साहस और अटूट संकल्प का प्रतीक है। यह उस नए भारत का चित्रण है जहां महिला शक्ति राष्ट्र की सुरक्षा से लेकर अंतरिक्ष तक, हर क्षेत्र में परचम लहरा रही है।
नई दिशा में उड़ान का संदेश
राष्ट्रपति की यह उड़ान देश को एक गहरा संदेश देती है कि भारत अब आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिर्फ कागज़ पर नहीं, बल्कि आसमान में, धरती पर और समुद्र की गहराइयों तक उतार चुका है। राफेल में बैठकर राष्ट्रपति मुर्मू ने न केवल भारतीय सेना का मनोबल बढ़ाया, बल्कि यह भी सिद्ध किया कि देश का सर्वोच्च पद आज सिर्फ एक संवैधानिक पद नहीं, बल्कि प्रेरणा का स्रोत बन चुका है। (President Droupadi Murmu) यह उड़ान आने वाली पीढ़ियों के लिए एक नई राह खोलती है जहां राष्ट्रभक्ति और तकनीक मिलकर भारत को विश्व गुरु बनाने की दिशा में आगे बढ़ा रहे हैं।
भारत का आसमान अब सुरक्षित भी है और मजबूत भी
राफेल जेट के गर्जन के साथ हिंद महासागर से हिमालय की चोटियों तक यह संदेश फैल चुका है कि भारत अब सिर्फ रक्षा नहीं, बल्कि निर्णायक कार्रवाई में भी सक्षम है। (President Droupadi Murmu) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की यह उड़ान आने वाले समय का संकेत है—भारत नई ऊंचाइयों के लिए तैयार है, और इस उड़ान की कमान अब भारत की अपनी शक्ति के हाथों में है।