QUAD: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘क्वाड शिखर सम्मेलन’ में शिरकत करने तीन दिन के दौरे पर शनिवार को अमेरिका रवाना हो गए. इस दौरान प्रधानमंत्री कई अन्य कार्यक्रमों में भी शामिल होंगे. बेशक अमेरिका क्वाड शिखर सम्मेलन की तैयारियों में जोरों से जुटा हो, लेकिन इस साल यह सम्मेलन अमेरिका में नहीं, बल्कि भारत में होना था, लेकिन ऐन वक्त पर इसकी मेजबानी का जिम्मा अमेरिका को सौंप दिया गया. (QUAD) आखिर ऐसी क्या वजह रही कि इसका जिम्मा अमेरिका को सौंप दिया गया? आइए, विस्तार से जानते हैं.
बाइडन प्रशासन ने भी इसके बारे में विस्तारपूर्वक बताया कि अगले साल क्वाड सम्मेलन भारत में होगा, इस साल अमेरिका में हो रहा है. (QUAD) हालांकि, यह कार्यक्रम में भारत में ही होना था, लेकिन कार्यक्रम में शामिल होने वाले नेताओं ने इसकी अनुमति नहीं दी, जिसे देखते हुए हमें पूरी योजना बदलनी पड़ी.
नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल में ईस्ट एशिया और ओशिनिया ने भी इस बारे में बयान जारी कहा कि वैसे तो इस कार्यक्रम का आयोजन भारत में ही होना था, लेकिन जब हमने इसमें शामिल होने वाले सभी नेताओं के कार्यक्रम को देखा, तो हमें इसकी संभावना नहीं दिखी, इसके बाद हमने यह फैसला किया कि कार्यक्रम का आयोजन भारत की जगह अमेरिका में होना चाहिए. (QUAD) हालांकि, अब अगले साल भारत में इसका आयोजन होगा. इसमें सभी सदस्य देश शामिल होंगे और आगे की पूरी रूपरेखा निर्धारित की जाएगी.
राष्ट्रपति बाइडेन अपने गृहनगर विलमिंगटन में क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेंगे. इस कार्यक्रम में आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और उनके जापानी समकक्ष फुमियो किशिदा भी शामिल होंगे.
बात अगर क्वाड की करें तो इसका मूल अर्थ द क्वाड्रिलैटरल सिक्योरिटी डायलॉग है. 2004 में जब हिंद महासागर में सुनामी आई थी, तो बड़े पैमाने पर तटीय देश प्रभावित हुए थे. इसके बाद, भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान ने तटीय प्रभावित देशों की मदद करने का कदम उठाया था. 2007 से लेकर 2010 के बीच क्वाड शिखर सम्मेलन की बैठक होती रही. इसके बाद बैठक बंद हो गई. इस बीच, चीन ने ऑस्ट्रेलिया पर काफी दबाव बनाया, इसका नतीजा हुआ कि ऑस्ट्रेलिया इस संगठन से दूरियां बनाने लगा.
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