Raghavendra Pratap Singh Controversial Statement: सिद्धार्थनगर के डुमरियागंज से भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह के एक बयान ने यूपी की सियासत में बवाल मचा दिया है। उनका विवादित बयान काफी सुर्खियों में है। बीते दिनों एक जनसभा को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक की जुबान ज्यादा ही फिसल गयी। उन्होंने कहा कि हमारी दो ले गये तो उनकी दस लाओ। खाने-पीने और नौकरी की व्यवस्था हम कर देंगे। (Raghavendra Pratap Singh Controversial Statement) पूर्व विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह की इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही सियासी भूचाल मच गया। भाजपा नेता राघवेंद्र प्रताप सिंह के बयान पर विपक्ष हमलावर है। आइए जानते हैं कि कौन हैं भाजपा पूर्व विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह।
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कौन हैं भाजपा पूर्व विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह
भाजपा के फायरब्रांड नेता राघवेंद्र प्रताप सिंह का जन्म बस्ती जिले में एक अप्रैल 1966 को हुआ था। उन्होंने गोरखपुर के दीन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई की है। (Raghavendra Pratap Singh Controversial Statement) पढ़ाई के दौरान ही उनकी मुलाकात योगी आदित्यनाथ से हुई। वह योगी आदित्यनाथ से बेहद प्रभावित हुए और फिर राजनीति में उनकी एंट्री हो गयी। स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह युवा वाहिनी से जुड़ गये। युवा वाहिनी में उनकी सक्रियता ने उनके कद में तेजी से इजाफा किया। (Raghavendra Pratap Singh Controversial Statement)बाद में उन्हें हिंदू युवा वाहिनी का प्रदेश प्रभारी नियुक्त किया गया। इसके बाद राजनीति में हिंदू नेता के रूप में उनकी छवि बन गयी।
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2012 में डुमरियागंज से लड़े चुनाव
साल 2012 में सिद्धार्थनगर के मुस्लिम बाहुल्य सीट डुमरियागंज से राघवेंद्र प्रताप सिंह चुनाव मैदान में उतरे। भाजपा ने योगी आदित्यनाथ से नजदीकी के चलते भरोसा जताया। हालांकि वह पीस पार्टी उम्मीदवार से हार गये और चौथे पायदान पर पहुंचे। (Raghavendra Pratap Singh Controversial Statement) इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और साल 2017 में फिर भाजपा के टिकट से चुनावी रणभूमि में उतरे। इस बार उन्होंने सैय्यदा खातून को 171 वोटों से हरा दिया। जीत का अंतर भले ही कम था, लेकिन मुस्लिम बाहुल्य इलाके में यह उनकी बड़ी जीत थी। तीसरे बार साल 2022 में भाजपा का राघवेंद्र प्रताप सिंह पर भरोसा बरकरार रहा। लेकिन इस बार सपा उम्मीदवार सैय्यदा खातून ने पछाड़ दिया। वह दूसरे नंबर पर रहे।