Ram Rahim: दुष्कर्म मामले में सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) को 21 दिनों की फरलो मिल गई है। राम रहीम मंगलवार सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच जेल से बाहर आया और उत्तर प्रदेश के बागपत में मौजूद आश्रम के लिए रवाना हुआ।
राह रहीम को साल 2017 में साध्वी यौन उत्पीड़न के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। जिसके बाद से वह रोहतक की सुनारिया जेल (Ram Rahim) में सजा काट रहा है।
Ram Rahim: सात महीने में दस बार मिली जेल से छुट्टी
कुछ समय पहले पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) की याचिका का निपटारा करते हुए कहा था कि पैरोल या फरलो मामले में सरकार के पास अधिकार है। जिसके कुछ दिनों बाद ही राम रहीम को फिर फरलो मिल गई।
234 दिन रह चुका जेल से बाहर, अब दसवीं बार आया 24 अक्टूबर 2020 को गुरमीत सिंह एक दिन की पैरोल मिली थी। 21 मई 2021 को भी एक दिन की पैरोल मिलने पर जेल से बाहर आया। 7 फरवरी 2021 को पहली बार 21 दिन की फरलो मंजूर हुई। 17 जून 2022 को 30 दिन की पैरोल मिली। 88 दिन बाद फिर 15 अक्टूबर को पैरोल मिली। 21 जनवरी 2023 को 40 दिन की पैरोल। 20 जुलाई को फिर से 30 दिन की पैरोल मिली, बरनावा आश्रम में ही रहा। 21 नवंबर को 21 दिन की फरलो पर पांचवीं बार फिर बरनावा आया। 13 दिसंबर को वापस जेल गया। 19 जनवरी 2024 को 50 दिन की पैरोल पर आया, 10 मार्च को लौटा। 14 अगस्त 2024 को वह 10वीं बार बाहर आया।
पैरोल और फरलो में अंतर कब दी जाती है फरलो पारिवारिक, व्यक्तिगत और सामाजिक जिम्मेदारियां पूरी करने के लिए फरलो दी जाती है। एक साल में कोई कैदी तीन बार फरलो ले सकता है। फरलो में कोई पुख्ता कारण बताने की आवश्यकता नहीं होती। कैदी के आचरण-व्यवहार आदि को देखकर फरलो दी जाती है। दोषी कैदियों को दी जाती है फरलो। पैरोल कब दी जाती है पैरोल आम तौर पर बीमारी, मृत्यु, विवाह, संपत्ति विवाद, शिक्षा या किसी अन्य पर्याप्त कारणों के आधार पर दी जाती है। पैरोल की अवधि कैदी की कुल सजा में गिनी जाती है। कैदी को पैरोल तभी दी जाती है जब उसकी सजा का एक साल पूरा हो जाता है। पैरोल अंडरट्रायल कैदियों को भी मिल जाती है।