Russian Oil: रूस से तेल खरीदने के कारण, भारत भारी अमेरिकी टैरिफ (Tariff) का सामना कर रहा है. इस बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा है कि भारत, रूस से तेल खरीदना जारी रखेगा. क्योंकि ये फैसला इकोनॉमिक और फाइनेंशियल हितों को ध्यान में रखकर लिया गया है.
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की ओर से लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ का असर, गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) में हुए बदलावों से कुछ हद तक कम हो जाएगा. हालिया बदलावों के तहत, सरकार ने कई वस्तुओं पर इनडायरेक्ट टैक्स की दरों को कम या आसान किया है. (Russian Oil) उन्होंने आगे कहा कि सरकार उन लोगों तक सहायता पहुंचाने के उपायों पर काम कर रही है, जो भारी अमेरिकी टैरिफ से प्रभावित हुए हैं.
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Russian Oil: एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा,
चाहे रूसी तेल हो या कुछ और, ये हमारा फैसला है कि हम वहीं से खरीदें जो हमारी जरूरतों के अनुकूल हो, चाहे दरों के मामले में हो, लॉजिस्टिक्स के मामले में हो, या किसी भी लिहाज से. इसलिए, हम अपना तेल कहां से खरीदते हैं, खासकर तब जब ये विदेशी मुद्रा से जुड़ा बड़ा मामला है जिसके लिए हम इतना ज्यादा भुगतान करते हैं. ये फैसला हमें लेना होगा कि किस से खरीददारी करना सबसे बेहतर होगा. इसलिए, हम निस्संदेह इसे (रूसी तेल) खरीदेंगे.
कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता भारत
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत दुनिया में कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है और अपनी लगभग 88 प्रतिशत जरूरतों को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर है. (Russian Oil) आमतौर पर डिस्काउंट के साथ मिलने वाले रूसी कच्चे तेल ने पिछले तीन साल में भारत को अरबों डॉलर की विदेशी मुद्रा बचाने में मदद की है.
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टैरिफ पर बातचीत के लिए BRICS की बैठक
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ये टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब ब्राजील के राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा ने ट्रंप के टैरिफ पर बातचीत करने के लिए ब्रिक्स नेताओं की एक वर्चुअल बैठक बुलाई है. 8 सितंबर को होने वाली इस बैठक में भारत की ओर से विदेश मंत्री एस जयशंकर भाग लेंगे. (Russian Oil) भारत की ही तरह ब्राजील पर भी डॉनल्ड ट्रंप ने 50 प्रतिशत का भारी टैरिफ लगाया है.