Same Sex Marriage: जालंधर की रहने वाली दो लड़कियों ने 18 अक्टूबर को खरड़ के गुरुद्वारे में विवाह रचाया। विवाह के बाद से ही उन्हें परिजनों की ओर से धमकियां मिल रही हैं, जोकि इस विवाह के खिलाफ हैं। लड़कियों ने अपनी जान को खतरे का अंदेशा जताते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
याचिका में बताया गया कि वे एक-दूसरे को पसंद करती हैं और एक साथ जीवन व्यतीत करना चाहती हैं जिसके चलते उन्होंने 18 अक्तूबर को खरड़ के गुरुद्वारे में विवाह रचाया है। विवाह के बाद से ही उन्हें परिजनों की ओर से धमकियां मिल रही हैं जोकि इस विवाह के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि उनकी जान को खतरा है और उनकी स्वतंत्रता को छीना जा रहा है। अपनी जान को खतरे का अंदेशा जताते हुए उन्होंने जालंधर के एस.एस.पी. को मांग पत्र भी दिया था लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ, जिसके बाद वह हाईकोर्ट आई हैं।
हाईकोर्ट ने याचिका का निपटारा करते हुए जालंधर के एस.एस.पी. को इस मामले में याची के मांग पत्र पर विचार कर उचित निर्णय लेने का आदेश दिया है। साथ ही जोड़े के जीवन व स्वतंत्रता की रक्षा सुनिश्चित करने का आदेश भी दिया है. हाईकोर्ट के इस आदेश से लड़कियों को राहत मिली है। वे अब सुरक्षित महसूस कर रही हैं और अपने जीवन को आगे बढ़ाने की योजना बना रही हैं।
इस मामले ने समलैंगिक विवाह को लेकर जागरूकता की जरूरत को भी उजागर किया है। भारत में अभी भी समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता नहीं है। ऐसे में समलैंगिक जोड़ों को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इस मामले में हाईकोर्ट का आदेश एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे समलैंगिक जोड़ों को कुछ हद तक राहत मिलेगी। हालांकि, समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता मिलने तक ऐसे जोड़ों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।