Shubhanshu Shukla: भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और उनके तीन अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों ने अंतरिक्ष में 18 दिन बिताने के बाद अब धरती पर वापसी की तरफ कदम बढ़ा चुके हैं। Axiom-4 (एक्सिओम-4) मिशन के अंतर्गत ये टीम इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से आज सोमवार को ‘अनडॉक’ कर चुकी है और मंगलवार को उनके कैलिफोर्निया तट के पास प्रशांत महासागर में उतरने की उम्मीद है।
इस मिशन में शुभांशु शुक्ला ने पायलट की अहम भूमिका निभाई, जो उन्हें राकेश शर्मा के बाद स्पेस में जाने वाले दूसरे भारतीय नागरिक के रूप में अवसर मिला है। (Shubhanshu Shukla) शुभांशु के साथ इस मिशन में संग रहे अमेरिकी कमांडर पेगी व्हिटसन, पोलैंड के ईएसए वैज्ञानिक स्लावोज उजनान्स्की-विस्निव्स्की और हंगरी के एचयूएनओआर एस्ट्रोनॉट टिबोर कापू।
Shubhanshu Shukla: वैज्ञानिक रिसर्च का बना हिस्सा
इस मिशन के दौरान Axiom-4 टीम ने 14 से ज्यादा वैज्ञानिक अनुसंधानों में भाग लिया, जिनमें माइक्रोग्रैविटी, सेल बायोलॉजी, और स्पेस मेडिसिन से संबंधित प्रयोग शामिल थे। (Shubhanshu Shukla) यह मिशन न सिर्फ वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण रहा, बल्कि भारत के लिए भी प्रतिष्ठा का क्षण बना।
परिवार में उत्साह और भावनात्मक माहौल
लखनऊ स्थित शुभांशु शुक्ला का परिवार इस ऐतिहासिक पल के लिए बहुत उत्साहित है। परिवार का कहना है कि शुभांशु ने उन्हें वीडियो कॉल के माध्यम से अंतरिक्ष के कई अद्भुत नज़ारे दिखाए और यह एक सपना सच होने जैसा पल था। (Shubhanshu Shukla) परिवार वालों ने उनकी सकुशल वापसी के लिए प्रार्थना की और कहा कि यह गर्व और भावनात्मक खुशी से भरा क्षण रहा है।
NASA और Axiom Space के मिशन नियंत्रण केंद्र ने स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल की सुरक्षित अनडॉकिंग और वापसी के लिए हरी झंडी दे दी है। मिशन की निगरानी नासा, स्पेसएक्स और Axiom की संयुक्त टीम कर रही है।
शुभांशु शुक्ला की धरती पर वापसी को लेकर बेसब्री से इंतज़ार
अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर अपना 18 दिन का पूरा करने के बाद पृथ्वी पर लौट रहे हैं। वहीं, लखनऊ में उनका परिवार उनकी सुरक्षित वापसी के लिए नज़र टिकाये से इंतजार कर रहा है और परिवार ने इसे बेहद गर्व और भावनात्मक उत्साह का पल बताया है।
‘अनडॉकिंग’ के करीब 22.5 घंटे बाद कैलिफोर्निया के तट पर यान के उतरने की सम्भवना है और अंतरिक्ष कैप्सूल को एक ख़ास जहाज द्वारा वापस लाया जाएगा। (Shubhanshu Shukla) शुभांशु शुक्ला ने उस वक़्त को याद किया जब उनके आदर्श राकेश शर्मा तकरीबन 41 साल पहले अंतरिक्ष की यात्रा उड़ान भरी थी और बताया था कि वहां से भारत कैसा दिखता था। उन्होंने कहा कि आज का भारत महत्वाकांक्षी दिखता है।
इस प्रकार टीम के साथ धरती पर वापस लौटेंगे शुभांशु शुक्ला
अंतिम तैयारियों में कैप्सूल के ट्रंक को अलग करना और वायुमंडलीय प्रवेश से पहले हीट शील्ड को सही दिशा में रखने के साथ-साथ और भी कई कार्य शामिल है। (Shubhanshu Shukla) इस दौरान अंतरिक्षयान लगभग 1,600 डिग्री सेल्सियस तापमान का सामना करेगा। पैराशूट दो फेज में तैनात किए जाएंगे, पहले लगभग 5.7 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थिरीकरण पैराशूट और उसके बाद करीब दो किलोमीटर की ऊंचाई पर मुख्य पैराशूट तैनात होगा।
बीते रविवार को अभियान के 73 अंतरिक्ष यात्रियों ने शुभांशु शुक्ला, कमांडर पैगी व्हिटसन और पोलैंड के मिशन विशेषज्ञ स्लावोज उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी के टिबोर कापू समेत एक्सिओम-4 मिशन के चालक दल के लिए एक पारंपरिक विदाई समारोह का आयोजन किया। (Shubhanshu Shukla) एक्सिओम-4 मिशन के माध्यम से चार दशकों से भी ज्यादा वक़्त के बाद भारत, पोलैंड और हंगरी की अंतरिक्ष में वापसी हुई है।
ISS से ‘अनडॉकिंग’ का समय क्या है पूरा शेड्यूल
‘एक्सिओम स्पेस’ ने बताया कि ISS से ‘अनडॉकिंग’ का वक़्त सुबह छह बजकर पांच मिनट (भारतीय समयानुसार शाम चार बजकर 35 मिनट) से पहले निर्धारित नहीं हुआ है। पृथ्वी पर 22.5 घंटे की यात्रा के बाद क्रू मेंबर्स के कैलिफोर्निया तट पर केंद्रीय समय तड़के चार बजकर 31 मिनट (भारतीय समयानुसार मंगलवार को अपराह्न तीन बजकर एक मिनट) पर उतरने की उम्मीद है।
बता दे, शुभांशु शुक्ला की यह ऐतिहासिक यात्रा भारत के लिए एक नई शुरुआत है, जो देश को आने वाले वक़्त में अंतरिक्ष अनुसंधान और अंतरिक्ष यात्राओं में और आगे बढ़ने की प्रेरणा देगी। अब पूरा देश उनकी सुरक्षित वापस आने का बेसब्री से इंतजार कर रहा है।