News

Sipahi Bharti : यूपी पुलिस कांस्टेबल ने परीक्षा के मुख्य सजिशकर्ता को किया गिरफ्तार

Published

on

Sipahi Bharti : स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की मेरठ यूनिट को बड़ी कामयाबी मिली है। एसटीएफ ने टीसीआई एक्सप्रेस ट्रांसपोर्ट कंपनी अहमदाबाद में सेंध लगाकर उत्तर प्रदेश पुलिस आरक्षी भर्ती परीक्षा-2023 के प्रश्न पत्रों के ट्रंक बाक्स को खोलकर उसमें से पेपर निकाल कर पेपर लीक कराने वाले गैंग के मुख्य साजिशकर्ता को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी की पिछले काफी दिनों से यूपी एसटीएफ तलाश कर रही थी। एसटीएफ रवि से पूछताछ कर रही है। कर लिया है।

Sipahi Bharti : पुलिस का बयान

एसटीएफ के एसपी बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी का नाम गौतमबुद्ध नगर के थाना जेवर क्षेत्र के गांव नीमका निवासी रवि अत्री पुत्र गोरख सिंह है। रवि अत्री फिलहाल दिल्ली के पटेल नगर में रह रहा है। इसकी गरफ्तारी गौतमबुद्धनगर के थाना जेवर क्षेत्र के खुर्जा बस स्टेशन के पास से एक मुखबिर की सूचना पर आज सुबह की गई

Sipahi Bharti : पुलिस कांस्टेबल ने परीक्षा के मुख्य सजिशकर्ता को किया गिरफ्तार

देश की खबरें | यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर लीक कराने के मामले  में तीन मुख्य साजिशकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया है | 🇮🇳 LatestLY ...

रवि अत्रि ने यूपी पुलिस आरक्षी भर्ती पेपर लीक कराया था। इसके बाद आरोपी ने इस पेपर को कई गैंग को लाखों रुपए लेकर बेच दिया था। एसटीएफ के एसपी बृजेश कुमार सिंह के अनुसार राजीव से की गई पूछताछ में पता चला कि रवि अत्री, प्रयागराज के राजीव नयन मिश्रा, बिहार के पटना निवासी अतुल वत्स, जोनपुर के अजीत चौहान, बागपत के वाजिदपुर का नीटू, शामली के थानाभवन का अरविंद राणा, राजस्थान के अलवर का बलराम गुर्जर, बिहार के पटना का विशाल चौरसिया और झझर का मोनू ढाकला का पूरे देश में नेटवर्क है, जो विभिन्न परीक्षाओं के पेपर लीक कराकर अभ्यर्थियों तक पहुंचाते है।

कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के दौरान पेपर लीक करने वाले मास्टरमाइंड गिरफ्तार -  Tarun Mitra

बता दें कि यूपी पुलिस कांस्टेबल परीक्षा पेपर लीक मामले में खुलासा होने के बाद यूपी सरकार ने पुलिस आरक्षी भर्ती परीक्षा को निरस्त करते हुए जांच एसटीएफ को दी थी।

इस गिरोह से संबंधित कई आरोपियों को एसटीएफ की मेरठ यूनिट ने गिरफ्तार कर पूरे गैंग का पर्दाफाश कर चुकी है।का नाम इस मामले में पकड़े गए राजीव नयन मिश्रा को गिरफ्तार करने के बाद प्रकाश में आया था।

2005 से पहले का बिहार और 2005 के बाद का बिहार में क्या अंतर हैं? जेडीयू कार्यालय में प्रेस वार्ता...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Trending

Exit mobile version