तत्काल इसकी जानकारी बिजली विभाग के लोगों को दी गई। विद्युत प्रवाह बंद होने के बाद खलासी को केबिन से बाहर निकाला गया तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। उम्मीद बस आनन-फानन में एंबुलेंस के जरिए उसे चोपन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया जहां मौजूद चिकित्सकों ने देखते ही मृत घोषित कर दिया।
आग लगने की घटना के चलते, मौके पर ट्रकों की लंबी कतार होने के कारण देर तक अफरातफरी की स्थिति बनी रही। आग लगने वाली जगह पर खड़ी दूसरी ट्रकों को सुरक्षित जगह पर हटाकर, आग को नियंत्रित करने की कोशिश की गई लेकिन तब तक ट्रक का दो-तिहाई हिस्सा जलकर नष्ट हो चुका था। चोपन से पहुंचे फायर ब्रिगेड दस्ते ने आग को काबू किया।
लटकते तार की वजह से हादसा होने के कारण चालकों और वाहन संचालकों की तरफ से मौके पर आक्रोश की भी स्थिति देखने को मिली। पहुंची पुलिस ने उन्हें समझा-बुझाकर शांत कराया। क्षेत्राधिकारी ओबरा डॉ. चारू द्विवेदी ने बताया कि जैसे ही घटना की जानकारी मिली पुलिस ने तत्काल बिजली विभाग को सूचना देकर विद्युत आपूर्ति रूकवाई। फायर ब्रिगेड दस्ते ने मौके पर पहुंचकर आग को काबू किया। बिजली विभाग के लोगों से आवागमन वाले इलाकों में लटकते तारों को दुरुस्त करने और बिजली खंभों को चेक करने के लिए भी कहा गया है।
इस हादसे के बाद बिजली विभाग और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। लोगों का कहना है कि अगर लटक रहे तार को पहले ही सही कर दिया गया होता तो यह हादसा न हो पता।
क्षेत्राधिकारी ओबरा डॉ. चारू द्विवेदी ने बताया कि हादसे के कारणों की जांच की जाएगी। यदि बिजली विभाग की लापरवाही सामने आती है तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। Sonbhadra में बालू लोडिंग के दौरान दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ती जा रही है। पिछले कुछ महीनों में कई हादसे हुए हैं, जिसमें कई लोगों की जान चली गई है। बालू लोडिंग के दौरान ट्रकों की बड़ी आवाजाही होती है। ऐसे में सड़क किनारे लगे बिजली के तारों और खंभों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।