Suresh Gopi : केरल से बीजेपी के इकलौते सांसद और मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को ’मदर ऑफ इंडिया’ और कांग्रेस नेता व केरल के मुख्यमंत्री रहे दिवंगत के. करुणाकरण को ’साहसी प्रशासक’ बताया है। गोपी ने करुणाकरण और मार्क्सवादी दिग्गज ईके नायनार को अपना राजनीतिक गुरु बताया।
सुरेश गोपी पुन्कुन्नाम स्थित करुणाकरण के स्मारक ’मुरली मंदिरम’ के दौरे पर आए थे। यहां वे संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। बता दें कि केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर त्रिशूर से चुनाव लड़ा था और के. करुणाकरण के बेटे और कांग्रेस नेता के. मुरलीधरन को हराया था।
त्रिशूर सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले में मुरलीधरन तीसरे स्थान पर रहे थे। उन्होंने मीडियाकर्मियों से आग्रह किया कि वे करुणाकरण के स्मारक की उनकी यात्रा को राजनीति से न जोड़ें। भाजपा सांसद ने कहा कि वह यहां अपने ’गुरु’ के प्रति सम्मान व्यक्त करने आए हैं। उन्होंने कहा कि नायनार और उनकी पत्नी सारदा टीचर की तरह के. करुणाकरण और उनकी पत्नी कल्याणीकुट्टी अम्मा के साथ भी उनके करीबी रिश्ते हैं।
सुरेश गोपी ने 12 जून को कन्नूर में ईके नायनार के घर का दौरा किया था और उनके परिवार के सदस्यों से मुलाकात की थी। गोपी ने कहा कि वह इंदिरा गांधी को ’भारतथिंते मथावु’ (भारत की मां) के रूप में देखते हैं और के. करुणाकरण को केरल में कांग्रेस पार्टी के जनक मानते हैं।
Suresh Gopi : दिवंगत के. करुणाकरण को ‘साहसी प्रशासक’ बताया उन्होंने यह भी स्पष्टीकरण दिया कि के. करुणाकरण को केरल में कांग्रेस का जनक बताकर वह इस दक्षिणी राज्य में पार्टी के संस्थापकों या सह-संस्थापकों का अनादर नहीं कर रहे। केंद्रीय मंत्री सुरेशने कांग्रेस के दिग्गज नेता की प्रशासनिक क्षमताओं की भी सराहना की और उन्हें अपनी पीढ़ी का साहसी प्रशासक करार दिया। उन्होंने आगे कहा, मैं 2019 में भी मुरली मंदिरम जाना चाहता था।
लेकिन के. करुणाकरण की बेटी पद्मजा वेणुगोपाल ने राजनीतिक कारणों से उन्हें ऐसा करने से रोक दिया था। पद्मजा हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुई हैं। सुरेश गोपी शहर के प्रसिद्ध लूर्डे माता चर्च भी गए और प्रार्थना की। गोपी और उनके परिवार ने अपनी बेटी की शादी के दौरान सेंट मैरी की मूर्ति के लिए स्वर्ण मुकुट भेंट किया था। सुरेश गोपी ने त्रिशूर लोकसभा सीट जीतकर केरल में भाजपा का खाता खोला है। लोकसभा चुनाव में त्रिशूर में त्रिकोणीय मुकाबला देखा गया, जिसमें कांग्रेस, भाजपा और सीपीआई उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर थी।