UP News: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय महासचिव रवि वर्मा ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। वर्मा ने अपने इस्तीफे के पत्र में कहा है कि वह पार्टी के मौजूदा नेतृत्व से असहमत हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी की विचारधारा और नीतियां अब उनके अनुरूप नहीं हैं। रवि वर्मा लखीमपुर खीरी से दो बार सांसद रह चुके हैं। वह अखिलेश यादव के करीबी माने जाते हैं। उनके इस्तीफे से सपा को आगामी लोकसभा चुनाव में बड़ा नुकसान हो सकता है।
वर्मा के इस्तीफे के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि वह कांग्रेस पार्टी में शामिल हो सकते हैं। UP News: कांग्रेस ने हाल ही में राहुल गांधी की अध्यक्षता में एक नया राष्ट्रीय कार्यकारिणी गठित किया था। इस कार्यकारिणी में रवि वर्मा को कोई जगह नहीं मिली थी। माना जा रहा है कि इसी बात से नाराज होकर उन्होंने सपा से इस्तीफा दे दिया है।
रवि वर्मा के इस्तीफे से सपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों में हलचल मची हुई है। सपा को अपने एक वरिष्ठ नेता का नुकसान हुआ है, जबकि कांग्रेस को एक मजबूत नेता मिल सकता है।
रवि वर्मा ने अपने इस्तीफे के पत्र में कहा है कि वह पार्टी के मौजूदा नेतृत्व से असहमत हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी की विचारधारा और नीतियां अब उनके अनुरूप नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वह पार्टी के लिए अपना पूरा योगदान दे चुके हैं, लेकिन अब वह पार्टी में नहीं रह सकते।
वर्मा ने कहा कि वह पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं और नेताओं के प्रति आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा कि वह पार्टी के लिए हमेशा काम करते रहेंगे।
रवि प्रकाश वर्मा का जन्म 1960 में लखीमपुर खीरी जिले में हुआ था। उन्होंने 1982 में लखनऊ विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने 1985 में समाजवादी पार्टी की सदस्यता ली।
रवि प्रकाश वर्मा ने 1996 में पहली बार लखीमपुर खीरी से लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीत गए। उन्होंने 1998, 2004 और 2009 में भी चुनाव जीता। 2014 में, वह बीजेपी उम्मीदवार के खिलाफ हार गए।
रवि प्रकाश वर्मा समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। वह पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में से एक थे।