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Upendra Kushwaha son minister: उपेंद्र कुशवाहा के बेटे कैसे बने मंत्री? खुद ही खोल दी अपनी पोल, बताया पूरा सच

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Upendra Kushwaha son minister: बिहार में नीतीश कुमार सरकार 10.0 के मंत्रिमंडल विस्तार में कई बड़े और चौंकाने वाले फैसले देखने को मिले। इन फैसलों में सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरी राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) के चीफ उपेंद्र कुशवाहा के बेटे दीपक प्रकाश ने, जिन्हें अपनी पार्टी के कोटे से अकेले मंत्री पद के लिए नॉमिनेट किया गया और उन्होंने शपथ भी ले ली। दीपक प्रकाश का मंत्री बनना इसलिए भी चौंकाने वाला रहा, क्योंकि वह न तो मौजूदा विधायक (MLA) हैं और न ही विधान पार्षद (MLC)। माना जा रहा है कि NDA की सीट-शेयरिंग बातचीत के दौरान उपेंद्र कुशवाहा अपनी पार्टी को मिली छह सीटों से कुछ निराश थे, जिसके बाद उन्हें संतुष्ट रखने के लिए एक MLC सीट देने का भरोसा दिया गया था, लेकिन सीधे मंत्री पद मिलना एक बड़ा ‘सरप्राइज’ है।

Upendra Kushwaha son minister: सॉफ्टवेयर इंजीनियर से सीधे कैबिनेट तक का सफर

बिहार के नए मंत्रिमंडल में दीपक प्रकाश एकदम नए चेहरे के तौर पर शामिल हुए हैं। मंत्री पद की शपथ लेने के बाद में दीपक प्रकाश ने अपने राजनीतिक सफर और भविष्य की योजनाओं पर खुलकर बात की। जब उनसे सीधे मंत्री बनाए जाने को लेकर सवाल किया गया, तो दीपक प्रकाश ने स्पष्ट किया कि वह राजनीति के लिए नए नहीं हैं। उन्होंने कहा, “मैं राजनीति में नया नहीं हूं। बचपन से राजनीति को काफी करीब से देखा है, काम करते हुए देख रहा हूं। मैं खुद भी पिछले चार-पांच सालों से राजनीति में सक्रिय रूप से कामों का हिस्सा हूं।” अपने नाम के चयन पर उन्होंने कहा, “मेरा नाम क्यों तय किया गया, ये तो उपेंद्र कुशवाहा जी ही बता सकते हैं। मुझे भी शपथ से थोड़ी देर पहले ही पता चला कि मेरा नाम तय किया गया है।” इस बयान से साफ है कि यह फैसला पार्टी और पिता उपेंद्र कुशवाहा का था।

युवाओं के लिए ‘शिक्षा और रोजगार’ पर फोकस

खुद एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर रहे दीपक प्रकाश ने बताया कि उन्होंने आईटी सेक्टर में चार साल तक काम किया है। अब मंत्री बनने के बाद उनका मुख्य फोकस युवाओं और शिक्षा पर रहेगा। उन्होंने कहा, “युवाओं के लिए काम होना चाहिए। पिछली सरकार में लोगों के मन के संदेह को दूर करने के लिए काम किया गया, नौकरी और रोजगार पर काम किया गया है। आने वाले पांच साल में भी नौकरी और रोजगार पर काम किया जाएगा। लगभग 30 लाख रोजगार का सृजन होना है।” शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, “सौ बीमारियों का एक इलाज शिक्षा है, इसलिए मैं शिक्षा पर काम करना चाहता हूं।” उन्होंने बताया कि आधुनिक कोर्सेज को शामिल किया जा रहा है, ताकि बिहार के युवा बेहतर से बेहतर रोजगार पा सकें।

लिबास और स्टाइल पर दिया मजेदार जवाब

अपने पहनावे (लिबास) से जुड़े सवाल पर उन्होंने हल्का-फुल्का जवाब देते हुए कहा, “ये तो समय बताएगा कि क्या पहनेंगे, लेकिन मैं जिसमें आरामदायक महसूस करता हूं वो पहन लेता हूं।” दीपक प्रकाश का मंत्री पद पर आना बिहार की राजनीति में युवा और शिक्षित चेहरों के उदय का संकेत है। अब देखना यह है कि एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर से राजनेता बने दीपक प्रकाश अपने पिता की राजनीतिक विरासत को कितनी मजबूती से आगे बढ़ाते हैं और युवाओं के लिए अपने वादों को कैसे पूरा करते हैं।

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