Wayanad Landslide: राहुल गांधी समेत विपक्ष के नेता बीते कई दिनों से मांग उठा रहे हैं कि केरल के वायनाड में हुए भूस्खलन को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वायनाड दौरे से पहले भी एक्स पर पोस्ट कर राहुल ने दबाव बनाने का प्रयास किया, जबकि तथ्य यह है कि प्राकृतिक आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का कोई प्रावधान ही नहीं है।
यह तर्क मौजूदा केंद्र सरकार का नहीं, बल्कि खुद कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने ही 2013 में उत्तराखंड की भीषण त्रासदी को लेकर संसद में लिखित जवाब देकर कहा था कि प्राकृतिक आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का कोई प्रावधान नहीं है। बीते दिनों वायनाड में भूस्खलन से कई गांव तबाह हो गए। (Wayanad Landslide) लगभग 300 से अधिक लोगों के मारे जाने की सूचना है।
चूंकि, उस समय संसद का बजट सत्र चल रहा था तो इसे कांग्रेस की ओर से संसद में उठाया गया और सरकार ने वहां किए जा रहे राहत-बचाव कार्यों का ब्योरा भी दिया, लेकिन वायनाड से इस बार दूसरी बार सांसद चुने गए राहुल गांधी समेत विपक्ष के अन्य नेता लगातार मांग कर रहे हैं कि केंद्र सरकार वायनाड त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करे।
Wayanad Landslide: पीएम के दौरे के बीच फिर उठी मांग
अब यह मुद्दा इसलिए फिर से गर्मा गया है, क्योंकि शनिवार को पीएम मोदी वायनाड का मौका-मुआयना करने पहुंचे। (Wayanad Landslide) उससे ठीक पहले शुक्रवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट लिखा, ‘व्यक्तिगत रूप से भयानक त्रासदी का जायजा लेने वायनाड जाने के लिए आपका धन्यवाद, मोदी जी। (Wayanad Landslide) ये एक अच्छा फैसला है। मुझे विश्वास है कि एक बार जब प्रधानमंत्री प्रत्यक्ष रूप से तबाही देख लेंगे, तो वह इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित कर देंगे।’
दरअसल, तब मुल्लापल्ली ने बयान दिया था कि भारत सरकार आपदा की तीव्रता और परिणाम, राहत सहायता के स्तर, समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार की क्षमता और राहत प्रदान करने की योजना के विकल्पों को ध्यान में रखते हुए ही गंभीर प्रकृति की आपदा का फैसला करती है।
ऐसे में सवाल उठ रहा है कि वायनाड की तुलना में कहीं अधिक भयावह रही उत्तराखंड त्रासदी पर जब तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने खुद नियमों की दुहाई दी थी तो आज उस तथ्य को अनदेखा कर राहुल गांधी और विपक्ष के अन्य नेता अब वायनाड त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग किस आधार पर कर रहे हैं।