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Yasin Malik News: पाकिस्तानी समर्थक यासीन मलिक का सनसनीखेज खुलासा: RSS और शंकराचार्यों से मिलते थे!

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Yasin Malik News: दिल्ली की तिहाड़ जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के प्रमुख यासीन मलिक ने हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया, जिसमें उसने कई अहम और चौंकाने वाले दावे किए हैं। हलफनामे में मलिक ने अपने राजनीतिक, धार्मिक और सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े कथित संबंधों का खुलासा किया है। (Yasin Malik News) उसने दावा किया कि देश के कई प्रमुख नेताओं, केंद्रीय मंत्रियों, विदेशी राजनयिकों और खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों के साथ वर्षों तक संवाद बना रहा।

मलिक के मुताबिक, देश के पूर्व प्रधानमंत्रियों और केंद्रीय मंत्रियों के साथ उसकी बैठकें होती रही हैं, और यहां तक कि दो प्रमुख मठों के शंकराचार्य भी कई बार उसके श्रीनगर स्थित घर पर आए। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी मलिक शंकराचार्यों के साथ सार्वजनिक रूप से दिखाई दिए।

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Yasin Malik News: RSS नेताओं के साथ बैठक का दावा

मलिक ने यह भी दावा किया है कि 2011 में दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के नेताओं के साथ एक लंबी बैठक हुई थी। वह कहते हैं, “यह हैरान करने वाली बात है कि इतने गंभीर आरोपों में घिरे व्यक्ति से संपर्क करने के बजाय समाज के प्रभावशाली लोग उससे खुले तौर पर बात करते रहे।”

रामजान युद्धविराम’ में मलिक की भूमिका

हलफनामे में मलिक ने 2000-01 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा घोषित ‘रामजान सीजफायर’ में अपनी अहम भूमिका का दावा किया। (Yasin Malik News) मलिक का कहना है कि दिल्ली में उसकी मुलाकात अजीत डोभाल से हुई थी, जिन्होंने उसे खुफिया ब्यूरो के प्रमुख श्यामल दत्ता और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ब्रजेश मिश्रा से मिलवाया। मलिक का दावा है कि इसी प्रयास से हुर्रियत नेताओं ने युद्धविराम के पक्ष में संयुक्त बयान दिया था।

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मनमोहन सिंह से मुलाकात का दावा

मलिक ने 2006 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह से भी मुलाकात का दावा किया। (Yasin Malik News) उसने कहा कि इस बैठक में मनमोहन सिंह ने उसे आश्वासन दिया था कि भारत कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए गंभीर प्रयास कर रहा है और वह इस मुद्दे को हल करना चाहते हैं।

एनआईए ने मांगी मृत्युदंड

गौरतलब है कि 11 अगस्त को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने यासीन मलिक को आतंकवादी फंडिंग मामले में मृत्युदंड देने की मांग की थी। दिल्ली हाई कोर्ट ने मलिक को चार हफ्तों में अपना जवाब दाखिल करने का समय दिया है, और अगली सुनवाई 10 नवंबर को होगी। (Yasin Malik News) सरकार का आरोप है कि मलिक ने भारत की संप्रभुता को चुनौती दी और पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों के साथ उसके गहरे संबंध रहे हैं। मलिक का यह हलफनामा कश्मीर मुद्दे को लेकर न केवल नई बहस छेड़ेगा, बल्कि यह कई राजनीतिक और सुरक्षा एजेंसियों के बीच रिश्तों की गहरी परतों को भी उजागर करेगा।

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