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राष्ट्रीय समाचार

India-China: तेवर छोड़ ‘भाईचारे’ की बात पर उतरा चीन! भारत के एक्शन को देख चीनी राजदूत की सिट्टी-पिट्टी गुल

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India-China: भारत में चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने मंगलवार को कहा कि भारत-चीन सीमा विवाद एक अत्यंत जटिल मामला है और इसका समाधान होने में समय लगेगा। उन्होंने कहा कि दोनों देश सीमा पर विशेष प्रतिनिधियों के स्तर पर बातचीत जारी रखे हुए हैं और क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए लगातार संपर्क में हैं। (India-China) राजदूत ने जोर दिया कि जटिल सीमा मुद्दे और विशिष्ट मतभेद द्विपक्षीय संबंधों को परिभाषित नहीं करते और सहयोग में बाधा नहीं बनना चाहिए।

शू का यह बयान उस समय आया है जब भारतीय नागरिक पेमा वांगजोम थोंगडोक के मामले पर भारत ने चीन को कड़ी फटकार लगाई। थोंगडोक 21 नवंबर को लंदन से जापान जा रही थीं, और शंघाई हवाई अड्डे पर उनका पासपोर्ट सिर्फ इसलिए अवैध घोषित कर दिया गया क्योंकि उनके जन्मस्थान में अरुणाचल प्रदेश दर्ज था। (India-China) इसके बाद भारत ने चीन के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया और अंतरराष्ट्रीय कानूनों की याद दिलाई।

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एक सेमिनार में बोलते हुए राजदूत शू ने कहा कि यह दृष्टिकोण दोनों देशों के मूल हितों और लोगों की साझा आकांक्षाओं के अनुरूप है। बिना किसी देश का नाम लिए उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत और चीन मिलकर बहुपक्षीय व्यवस्था की रक्षा करेंगे और किसी एकतरफा वर्चस्व को स्वीकार नहीं करेंगे।

India-China: सीमा मुद्दे को जटिल, पर समाधान की संभावना

राजदूत शू ने कहा कि भारत-चीन सीमा मुद्दा जटिल है और इसका समाधान समय लेगा, लेकिन दोनों प्राचीन सभ्यताओं में पर्याप्त बुद्धिमानी और क्षमता है कि सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनाए रखें और निष्पक्ष समाधान खोजें। उन्होंने वर्तमान सीमा स्थिति को स्थिर बताया।

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सीमा प्रबंधन और डी-एस्केलेशन पर जोर

शू ने कहा कि चीन भारत के साथ सामान्य सीमा प्रबंधन और नियंत्रण को मजबूत करने, तनाव कम करने और सीमा क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के लिए काम करना चाहता है।

साझा वैश्विक और द्विपक्षीय संकेत

राजनयिक सूत्रों के अनुसार, शू के बयान यह संकेत देते हैं कि बीजिंग सीमा विवाद को अलग रखते हुए सहयोग के नए क्षेत्रों पर आगे बढ़ना चाहता है और साझा वैश्विक चुनौतियों में भारत की भूमिका को महत्व देता है। भारत ने कई बार स्पष्ट किया है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर शांति और स्थिरता ही द्विपक्षीय संबंधों की आधारशिला है। 2020 के पूर्वी लद्दाख गतिरोध के बाद से दोनों देशों के संबंधों में तनाव बना हुआ है।

चीन में भारतीय नागरिक के साथ हुई थी बदसलूकी

अरुणाचल प्रदेश की रहने वाली पेमा वांग थोंगडोक ने आरोप लगाया कि 21 नवंबर को शंघाई हवाई अड्डे पर चीनी आव्रजन अधिकारियों ने उन्हें 18 घंटे तक रोके रखा और उनके पासपोर्ट को मान्यता देने से इनकार किया। चीनी विदेश मंत्रालय ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह कार्रवाई नियमों के अनुसार थी और अरुणाचल प्रदेश पर चीन का दावा दोहराया।

भारत ने जताई कड़ी नाराजगी

विदेश मंत्रालय ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है। प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारतीय नागरिक की हिरासत का मुद्दा चीनी पक्ष के समक्ष पुरजोर तरीके से उठाया गया। उन्होंने कहा कि चीनी अधिकारियों ने अपने ही नियमों का उल्लंघन किया, जो सभी देशों के नागरिकों को 24 घंटे तक वीज़ा-मुक्त आवागमन की अनुमति देते हैं।

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