Uri Terrorist Operation: उत्तरी कश्मीर के उरी सेक्टर में LoC के करीब आज 13 अगस्त यानी बुधवार सुबह भारतीय सेना ने आतंकियों की घुसपैठ को नाकाम कर दिया। ऑपरेशन के दौरान एक जवान शहीद हो गया है। सुरक्षाबलों ने पूरे क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन चलाया है। पिछले 13 दिनों से लगातार चल रही आतंकियों से सेना की यह तीसरी मुठभेड़ हुई है।
बीते 10 अगस्त को किश्तवाड़ के दुल इलाके में सेना को आतंकियों के छिपे होने की जानकारी मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया था। ( Uri Terrorist Operation) इस दौरान आतंकवादियों ने सेना पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई थी और यहां भी सर्चिंग जारी है। बता दे, 1 अगस्त से कुलगाम के अखल जंगलों में आतंकवादियों की खोज में निरंतर सर्चिंग चल रही है। यहां 2 जवान शहीद हुए हैं और 9 जवान घायल हैं। साथ ही दो आतंकों को भी मार गिराया गया है।
सुरक्षाबलों ने 2 अगस्त की सुबह पुलवामा के आतंकी हारिस नजीर डार को मौत के घाट उतारा था। वो C-कैटेगरी का आतंकवादी था। हारिस उन 14 लोकल आतंकवादियों की सूची में था, जिनके नाम खुफिया एजेंसियों ने पहलगाम हमले के बाद 26 अप्रैल को उजागर हुआ था।
Uri Terrorist Operation: 1 अगस्त को सर्च ऑपरेशन में आतंकवादियों ने फायरिंग की
एक अधिकारी के मुताबिक, इलाके में आतंकी गतिविधि की गुप्त जानकारी मिलने के बाद 1 अगस्त की शाम सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया था। इस ऑपरेशन के दौरान आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई थी। इसके बाद मुठभेड़ हुई थी। जंगल में अभी और कितने आतंकवादी छिपे हैं, फिलहाल यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है।
बता दे, बीते 28 जुलाई को सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन महादेव के अंतर्गत, लिडवास के जंगलों में पहलगाम हमले में शामिल 3 आतंकियों को मार गिराया था। 31 जुलाई को पुंछ में LoC के पास दो और आतंकी घुसपैठ के दौरान मार दिए गए थे।
14 आतंकवादियों में 7 ढेर, 7 की तलाश जारी
सुरक्षाबलों ने जिन 14 आतंकियों की सूची जारी की थी, उनमें से अब तक 7 मार गिराए जा चुके हैं। हारिस नजीर को छोड़कर, बचे 6 आतंकी मई में शोपियां और पुलवामा में एनकाउंटर के दौरान मौत के घाट उतार दिए गए थे।
28 जुलाई को पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड सहित 3 आतंकवादियों को मारा
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ‘ऑपरेशन महादेव’ की सफलता पर अगले ही दिन 29 जुलाई को पहलगाम हमले के आतंकवादियों के मारे जाने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 28 जुलाई को इन्हें ढेर कर दिया गया था। ढेर हुए आतंकों के नाम सुलेमान, अफगान और जिब्रान हैं। ये तीनों आतंकवादी पहलगाम हमले में मुख्य रूप से शामिल थे। शाह ने जानकारी में ये भी बताया, ‘पाकिस्तानी वोटर ID और पाकिस्तानी चॉकलेट्स से पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले आतंकवादियों की पहचान की। हमले के दिन ही प्लानिंग की गयी थी। हमारे पास इसके स्पष्ट सबूत मौजूद हैं।’ उन्होंने बताया कि आतंकियों की सहायता करने वाले 2 आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।