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Karnataka: भाजपा-जेडीएस की 10 दिवसीय पदयात्रा शुरू, भ्रष्टाचार मुद्दे पर सीएम सिद्धारमैया से इस्तीफे की मांग

Published
1 वर्ष agoon
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News Desk
कर्नाटक में भाजपा और जेडीएस आज से अपनी 10 दिवसीय पदयात्रा की शुरुआत कर रही हैं। दोनों पार्टियां बंगलूरू के केनगेरी से अपनी पदयात्रा की शुरुआत करेंगी, जो कि मैसूर में समाप्त होगी। इस पदयात्रा के दौरान दोनों पार्टियां कथित MUDA और वाल्मिकी कॉरपोरेशन में हुए घोटाले को मुद्दा बनाने की कोशिश करेंगी।
Karnataka: टैक्स के पैसों का इस्तेमाल चुनाव के लिए हो रहा है’
कर्नाटक भाजपा के महासचिव पी राजीव ने कहा कि ‘कांग्रेस सरकार जब से सत्ता में आई है, तब से ही राज्य में भ्रष्टाचार संबंधी गतिविधियां बढ़ गई हैं। (Karnataka) टैक्स के पैसों का इस्तेमाल चुनाव के लिए हो रहा है। पूरी कैबिनेट ही भ्रष्टाचार की गतिविधियों में लिप्त है। इस स्थिति में हम पदयात्रा शुरू कर रहे हैं और इस पदयात्रा को ‘मैसूर चलो’ नाम दिया गया है।‘ मैसूर चलो पदयात्रा की शुरुआत से पहले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने परिवार के साथ मैसूर के प्रसिद्ध श्री चामुंडेश्वरी मंदिर में दर्शन और पूजन किया।

यह सिद्धारमैया के अंत की शुरुआत’
भाजपा सांसद कैप्टन बृजेश चौटा कहते हैं, ‘कर्नाटक के इतिहास में सबसे बेशर्म और भ्रष्ट सरकार शायद सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली मौजूदा कांग्रेस सरकार है। MUDA घोटाले में, सीएम सिद्धारमैया का परिवार प्रत्यक्ष लाभार्थी है और वह खुद को जांच में शामिल करने की भी जहमत नहीं उठाते, इसलिए भाजपा उनके इस्तीफे की मांग कर रही है। यह सिद्धारमैया के अंत की शुरुआत है। हमारी पदयात्रा आज से शुरू हो रही है और हमें पूरा विश्वास है कि जब पदयात्रा मैसूर पहुंचेगी, तो कांग्रेस सरकार को कर्नाटक से बाहर कर दिया जाएगा। कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं है, सीएम की कुर्सी के लिए कई इच्छुक हैं और वे सभी जानते हैं कि सिद्धारमैया कुछ ही दिनों में इस्तीफा देने वाले हैं या उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया जाएगा। (Karnataka) डीके शिवकुमार शायद यह स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं कि वह सीएम के चेहरे के लिए सबसे आगे हैं।’

तेजस्वी सूर्या बोले- सिद्धारमैया के इस्तीफे का समय आ गया है
भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने कहा, ‘इस MUDA घोटाले में मुख्यमंत्री और उनके परिवार के खिलाफ जिस तरह के आरोप सामने आए हैं, वे बहुत गंभीर हैं। आज तक सरकार की ओर से इन आरोपों को खारिज करने के लिए कोई गंभीर प्रयास नहीं किया गया है। यह साफ है कि मुख्यमंत्री और उनका परिवार कार्यकारी निर्णयों के प्रत्यक्ष लाभार्थी हैं, जिससे उन्हें अवैध, (Karnataka) अनैतिक रूप से करोड़ों रुपये का लाभ हुआ है। जिस तरह से अधिग्रहण किया गया, जिस तरह से मुआवज़ा वितरित किया गया और जिस तरह से 14-15 साइटें मुख्यमंत्री की पत्नी को वितरित की गईं, वे सभी बड़े घोटाले की ओर इशारा करते हैं। (Karnataka) मुख्यमंत्री और उनके परिवार के पास छिपने के लिए कोई जगह नहीं है, आरोप गंभीर हैं और अब उनके इस्तीफे का समय आ गया है।’
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