News
Ramdev: बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को SC से बड़ी राहत, पतंजलि विज्ञापन मामले में मानहानि का केस बंद

Published
1 वर्ष agoon
By
News Desk
Ramdev: पतंजलि ‘भ्रामक विज्ञापन केस’ में बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को सुप्रीम कोर्ट ने राहत दी है। कोर्ट ने इस मानहानि केस को बंद कर दिया है।
पतंजलि के उत्पादों के बारे में भ्रामक विज्ञापन दिए जाने के मामले में (Ramdev) बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड की माफी स्वीकार करने के बाद कोर्ट ने मानहानि केस बंद कर दिया है।
Ramdev: 14 अगस्त को कोर्ट ने फैसले को रखा था सुरक्षित
योग गुरु बालकृष्ण और कंपनी का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील गौतम तालुकदार ने कहा, “अदालत ने रामदेव, बालकृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड द्वारा दिए गए वचनों के आधार पर अवमानना कार्यवाही बंद कर दी है। 14 मई को शीर्ष अदालत ने अवमानना नोटिस पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।”

शीर्ष अदालत इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है, (Ramdev) जिसमें कोविड टीकाकरण अभियान और चिकित्सा की आधुनिक प्रणालियों के खिलाफ एक बदनामी अभियान का आरोप लगाया गया है।
कानून का नहीं होगा उल्लंघन: पतंजलि
पतंजलि आयुर्वेद ने कोर्ट से कहा था कि निर्मित और विपणन किए गए उत्पादों के विज्ञापन या ब्रांडिंग से संबंधित किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं किया जाएगा।

कंपनी द्वारा विशिष्ट आश्वासन का पालन न करने और उसके बाद मीडिया में दिए गए बयानों से शीर्ष अदालत नाराज हो गई। इसके बाद कोर्ट ने कंपनी को कारण बताने के लिए नोटिस जारी किया कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए।
You may like
PM Narendra Modi: PM मोदी ने अंतरिम प्रधानमंत्री बनने पर सुशीला कार्की को दी बधाई, नेपाल को लेकर ये बात कही
Harry bike blogger Nepal viral video: ‘ये क्या रिकॉर्ड हो गया…’ नेपाल में विदेशी ब्लॉगर ने बनाया ऐसा वीडियो,रातोंरात हो गया वायरल, Video
CP Radhakrishnan: सीपी राधाकृष्णन बने देश के 15वें उपराष्ट्रपति, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ
Nepal Latest Updates: कहीं दुबई, कहीं चीन… आखिर कहां हैं ओली? नेपाल हिंसा के बीच खुद तोड़ी चुप्पी और खोला बड़ा राज
Nepal Protest Latest Update: नेपाल में Gen-Z का गुस्सा बेकाबू… पीएम के इस्तीफे के बाद जेल तोड़कर 3000 कैदी फरार, भारत अलर्ट पर!
Nepal Crisis Deepens: नेपाल अराजकता और सत्ता शून्य से बढ़ा खतरा, भारत की सतर्क निगाह