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Amit Shah: “हाउस अरेस्ट वाली बात झूठी”, धनखड़ के इस्तीफे पर अमित शाह का जवाब

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3 घंटे agoon
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News Desk
Amit Shah: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) के इस्तीफे को लेकर बढ़ती अटकलों पर पहली बार प्रतिक्रिया दी है. ?(Amit Shah) उन्होंने कहा कि जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से ही इस्तीफा दिया है. इसके साथ ही गृह मंत्री ने 130वें संविधान संशोधन विधेयक और आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव जैसे बड़े मुद्दों पर सरकार का पक्ष रखा है.
Amit Shah: धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से दिया इस्तीफा
एक इंटरव्यू में गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को लेकर उठ रहे सवालों के बीच साफ किया कि उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया है. गृह मंत्री ने विपक्ष के हाउस अरेस्ट वाले आरोपों को पूरी तरह से गलत बताया है. (Amit Shah) उन्होंने कहा, धनखड़ साहब का इस्तीफा अपने आप में स्पष्ट है. उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया है. और प्रधानमंत्री समेत सभी के प्रति आभार जताया है. विपक्ष के बयान ही सच का आधार नहीं हो सकते. इस पर बेवजह हंगामा नहीं होना चाहिए.
नीतीश-नायडू 130वें संशोधन विधेयक के समर्थन में
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दावा किया कि एनडीए के सहयोगी दल संविधान के 130वें संशोधन विधेयक का समर्थन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि एनडीए के सभी सहयोगी इस विधेयक से सहमत हैं, लेकिन संसद में हंगामे के कारण उन्हें समर्थन जताने का मौका नहीं मिला. (Amit Shah) यह विधेयक गंभीर अपराधों में 30 दिन से अधिक जेल में रहने वाले प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्रियों को पद से हटाने का प्रावधान करता है. गृह मंत्री ने जोर देकर कहा कि इस विधेयक को JPC में भेजा गया है. वहां सभी दलों को अपनी बात रखने का मौका मिलेगा. शाह ने 130वें संविधान संशोधन विधेयक के खिलाफ विपक्ष के रुख पर कहा,
ये लोग (विपक्ष) आज भी ये कोशिश कर रहे हैं कि अगर कभी जेल गए तो जेल से ही आसानी से सरकार बना लेंगे. जेल को ही CM हाउस, PM हाउस बना देंगे. DGP, मुख्य सचिव, कैबिनेट सचिव या गृह सचिव जेल से ही आदेश लेंगे.
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उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर क्या बोले?
केंद्रीय गृह मंत्री ने एनडीए के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन के नाम का समर्थन करते हुए कहा कि उनके चयन को 2026 के तमिलनाडु चुनावों से जोड़ कर देखना गलत है. उन्होंने आगे कहा कि यह बिल्कुल स्वाभाविक है कि राष्ट्रपति पूर्व से, प्रधानमंत्री उत्तर और पश्चिम से हैं तो उपराष्ट्रपति दक्षिण भारत से हो.
इसके साथ ही अमित शाह ने इंडिया गठबंधन के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस रहते हुए बी सुदर्शन रेड्डी ने सलवा जुडूम को खारिज करके आदिवासियों के आत्मरक्षा के अधिकार को खत्म कर दिया. (Amit Shah) इस वजह से जो नक्सलवाद खत्म होने के कगार पर था वह और दो दशक तक चला. मेरा मानना है कि वामपंथी विचारधारा ही विपक्ष द्वारा उनको चुने जाने का मानदंड रही होगी.
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साल 2011 में जस्टिस रेड्डी और जस्टिस निज्जर ने छत्तीसगढ़ में सलवा जुडूम को अवैध और असंवैधानिक बताते हुए भंग कर दिया था. उस समय राज्य में रमन सिंह के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार थी. शाह ने कहा कि सलवा जुडूम आदिवासियों की आत्मरक्षा, शिक्षा और बुनियादी सुविधाओं के लिए बना था. लेकिन इस आदेश के बाद सुरक्षा बलों को हटाना पड़ा, जिस कारण कई जगह हमले हुए और नक्सली फिर से सक्रिय हो गए.
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